Call and Put Option Explain in Hindi – कॉल और पुट ऑप्शन में ट्रेडिंग कैसे करते हैं ? कॉल एंड पुट ऑप्शन्स (CE & PE) क्या होते हैं ? कितने प्रकार के होते हैं ? Call and Put Option में Expiry date क्या होती है ? Lot Size क्या होता है ? Premium क्या होता है यह Zero कब हो जाता है ? कॉल और पुट ऑप्शन को खरीदते और बेचते कैसे हैं ? Nifty के कॉल और पुट ऑप्शन में ट्रेडिंग कैसे करे ? किसी स्टॉक के कॉल और पुट ऑप्शन में ट्रेडिंग कैसे करे ? Call & Put Option को Write कैसे करते हैं ? यह सब इस पोस्ट में विस्तार से बताने वाले हैं
देखिए शेयर मार्केट में आप तीन तरीके से शेयर खरीद सकते हैं 1.Cash 2.Future & 3.Option, कैश में आपके पास जितने रुपये होते हैं बस उतने ही रुपये के शेयर खरीद सकते हैं लेकिन Option & Future में ऐसा नहीं है
फ्यूचर में आप जितने रुपिये के शेयर खरीदना चाहते हैं उसकी कुल वैल्यू का आपको मात्र 10 से 12 % ही भुगतान करना होता है और Option के केस में तो आपको और भी कम भुगतान करना पड़ता है यानी मार्जिन और भी ज्यादा मिलता है
जिससे आप कम पैसे से ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं और यही बात कॉल और पुट ऑप्शन ट्रेडिंग को बेहद आकर्षक बना देती है
Call and Put Option Explain in hindi
तो चलिए अब सीधे टॉपिक पर आते हैं और शुरू करते हैं कॉल और पुट ऑप्शन क्या होते हैं ? कॉल एंड पुट ऑप्शन में ट्रेडिंग कैसे करते हैं ? Call and Put Option Explain in Hindi
कॉल और पुट ऑप्शन क्या होते हैं ?
कॉल और पुट ऑप्शन ट्रेडिंग में आप किसी स्टॉक का पूरा मूल्य चुकाए बिना बेहद कम मूल्य पर ज्यादा शेयर खरीद और बेच सकते हैं इसमे आपको काफी ज्यादा मार्जिन मिल जाता है और इसीलिए कॉल एंड पुट ऑप्शन ट्रेडिंग को लीवरेज ट्रेडिंग भी कहा जाता है
ऑप्शन ट्रेडिंग का एक खास फायदा ये होता है कि जिस प्रकार आप अपनी हैल्थ का Insurance कराते हैं ठीक उसी प्रकार आप Opion trading के माध्यम से अपने Shares का भी इंश्योरेंस कर सकते हैं
यदि आपको लगता है कि आने वाले कुछ समय में शेयर मार्केट गिरने वाला है जिससे आपके शेयर का प्राइस गिर सकता है तो इस स्थिति में आप शेयर का Put Option खरीदकर अपने पोर्टफोलियो का Risk कम कर सकते हैं
जिससे यदि शेयर प्राइस गिर भी जाता है तो आपके निवेश के हुए नुकसान की भरपाई आपके खरीदे हुए पुट ऑप्शन को बेचकर की जा सकती है
Call Option क्या होता है ?
यदि आपको लगता है कि आने वाले समय मे शेयर मार्केट ऊपर जाने वाला है और Shares के प्राइस बढ़ने वाले हैं तो ऐसी स्थिति में Call option खरीदे जाते हैं और जब शेयर भाव बढ़ जाता है तो कॉल ऑप्शन खरीदने वाले को फायदा होता है
यदि किसी शेयर का प्राइस अभी 200 रुपये है तो इसका 210 CE कॉल ऑप्शन खरीदने का मतलब होता है कि खरीददार ये उम्मीद कर कर रहा है कि आने वाले समय मे इसका प्राइस 210 से ज्यादा हो जाएगा
Put Option क्या होता है ?
यदि आपको लगता है कि आने वाले समय मे शेयर मार्केट में मंदी आने वाली है और शेयर के भाव गिरने वाले हैं तो ऐसी स्थिति में Put Option खरीदे जाते हैं और जब शेयर का प्राइस गिर जाता है तो पुट ऑप्शन खरीदने वाले को फायदा होता है
यदि किसी शेयर का प्राइस अभी 200 रुपये है तो इसका 190 PE ऑप्शन खरीदने का मतलब होता है कि खरीददार ये उम्मीद कर रहा है कि आने वाले समय मे शेयर का प्राइस 190 रुपये से नीचे जाएगा
जब शेयर बाजार में किसी कारणवश मंदी आने के संकेत होते हैं तो निवेशक अपने Portfolio की सुरक्षा के लिए शेयर के Put option ख़रीदते हैं
कॉल और पुट ऑप्शन कितने प्रकार के होते हैं ?
ऑप्शन दो प्रकार के होते हैं
- अमेरिकन स्टाइल ऑप्शन (American style option)
- यूरोपियन स्टाइल ऑप्शन (European style option)
अमेरिकन स्टाइल ऑप्शन में कॉन्ट्रेक्ट की अवधि के दौरान ऑप्शन कभी भी खरीदा और बेचा जा सकता है लेकिन यूरोपियन स्टाइल ऑप्शन में मैच्योरिटी पर ही ऐसा किया जा सकता है इसमें कॉन्ट्रेक्ट के अंतिम दिन सौदे अपने आप कट जाते हैं
कॉल और पुट ऑप्शन में ट्रेडिंग कैसे करे ? (Call aur Put Option me trading kaise kare in Hindi)
देखिए ऑप्शन ट्रेडिंग के लिए Shares की एक Monthly Series होती है जिसकी एक्सपायरी महीने के अंतिम गुरुवार को होती है और यह मासिक सीरीज तीन महीने तक की होती है
स्टॉक और शेयर के साथ ही इंडेक्स और करेंसी में भी ऑप्शन ट्रेडिंग की जाती है और इंडेक्स में ऑप्शन ट्रेडिंग ज्यादातर निफ़्टी और बैंक निफ़्टी तथा करेंसी में USDINR और GBPINR में की जाती है
Nifty and Bank Nifty Option Trading में मंथली एक्सपायरी के साथ साथ Weekly Expiry भी होती है जिसे अभी कुुुछ देर में विस्तार से समझेंगे
Call and put Option Explain in Hindi को अच्छे से समझने के लिए पहले इससे जुड़े महत्वपूर्ण शब्दों का अर्थ समझना बहुत जरूरी है जो निम्न प्रकार हैं
Strike Price क्या होता है ?
कॉल और पुट ऑप्शन ट्रेडिंग में शेयर एक निश्चित प्राइस अंतराल पर खरीदे और बेचे जाते हैं यह प्राइस अंतराल अलग अलग शेयर में शेयर प्राइस के आधार पर 10 20 50 ऐसे अलग अलग होता है और आप जिस निश्चित प्राइस पर शेयर का कॉल और पुट ऑप्शन खरीदते हैं बस उसे ही Strike price कहा जाता है
जैसे ITC शेयर में यह प्राइस अंतराल 10 का होता है मान लेते हैं अभी ITC का शेयर प्राइस 196 है तो इसका स्ट्राइक प्राइस 190 200 210 220 ऐसे 10-10 के अंतराल पर होता है
Lot Size क्या होता है ?
कैश में आप कितने भी शेयर खरीद सकते हैं लेकिन कॉल एंड पुट ऑप्शन ट्रेडिंग में आपको एक निश्चित संख्या में शेयर खरीदने होते हैं जिसे Lot Size कहा जाता है
प्राइस के आधार पर अलग अलग शेयर का लॉट साइज अलग अलग होता है जिस शेयर का प्राइस ज्यादा होता है उसका लॉट साइज कम शेयर का होता है और जिस शेयर का प्राइस कम होता है उसका लॉट साइज ज्यादा शेयर का होता है
जैसर ITC Share का लॉट साइज 2400 शेयर का है इसका मतलब ये हुआ कि ITC के शेयर में कॉल और पुट ऑप्शन में ट्रेडिंग करने के लिए आपको इसके शेयर 2400 के लॉट में खरीदने पड़ते हैं जैसे 2400 4800 7200 आदि
Expiry Date क्या होती है ?
प्रत्येक कॉल और पुट ऑप्शन के लिए एक तारीख फिक्स होती है जिस दिन सौदे काटना जरूरी होता है यदि आप खुद से सौदे नहीं काटते हैं तो उस निश्चित तारीख को आपके कॉल और पुट ऑप्शन के सौदे ब्रोकर द्वारा अपने आप काट दिए जाते हैं इस निश्चित तारीख को Expiry Date कहा जाता है
Premium क्या होता है ?
अलग अलग स्ट्राइक प्राइस पर कॉल और पुट ऑप्शन अलग अलग प्राइस पर मिलते हैं और जिस प्राइस पर वह ऑप्शन मिलता है उस प्राइस को Premium कहा जाता है किसी शेयर का प्राइस, स्ट्राइक प्राइस के जितना नजदीक होता है प्रीमियम उतना ही ज्यादा होता है
मान लेते हैं अभी ITC के शेयर का प्राइस 197 है तो आपको 200 स्ट्राइक प्राइस का Call Option ज्यादा प्राइस पर मिलता है बजाय 210 स्ट्राइक प्राइस के ऑप्शन के
Option Write क्या होता है ? कॉल एंड पुट ऑप्शन को राइट कैसे करते हैं ?
जब कॉल एंड पुट ऑप्शन ट्रेडिंग में में Call और Put के ऑप्शन खरीदने के बजाय पहले बेच दिए जाते हैं और बाद में खरीदे जाते हैं तो इसे Option Write कहा जााता हैं
जब कॉल ऑप्शन बेचे जाते हैं तो इसे Call Option Write कहा जााता हैं और जब पुट ऑप्शन बेचे जाते हैं तो इसे Put Option Write कहा जाता है ये एक तरह से ऑप्शन की Short selling होती है
Monthly series क्या होती है ?
कॉल और पुट ऑप्शन की एक Monthly series होती है और हर महीने के Last Thursday को इसकी की एक्सपायरी होती है, Expiry date से पहले कॉल और पुट ऑप्शन को कभी भी भी खरीद और बेच सकते हैं
मान लेते हैं आप ITC का जून महीने का कॉल ऑप्शन (CE) 200 स्ट्राइक प्राइस पर 7 जून को खरीद लेते हैं और जून महीने में अंतिम गुरुवार 25 जून को है तो आपके इस कॉल ऑप्शन की एक्सपायरी डेट 25 जून होगी और इसे ITC JUN 200 से व्यक्त किया जाता है
मंथली सीरीज तीन महीने तक की होती है इसका मतलब ये हुआ कि मान लेते हैं अभी जून चल रहा है तो आप जून जुलाई और अगस्त तक के कॉल और पुट ऑप्शन खरीद सकते हैं, 200 स्ट्राइक प्राइस के संदर्भ में इन्हें ITC JUN 200, ITC JUL 200 और ITC AUG 200 से व्यक्त किया जाता है
In the Money ऑप्शन क्या होता है ?
इन द मनी के आधार पर कॉल और पुट ऑप्शन दो प्रकार के होते हैं
In the money Call Option
जब किसी शेयर या संबंधित इंडेक्स Index का प्राइस Strike price से कम होता है तो In the Call option (ITM) लागू होता है जैसे यदि अभी ITC का शेयर प्राइस 200 रुपये है तो 190 Strike price वाला कॉल ऑप्शन ITC 190 CE, In the Call Option कहलाता है
In the money Put Option
जब किसी शेयर या संबंधित Index का प्राइस Strike price से ज्यादा होता है तो In the Put option लागू होता है जैसे यदि ITC का शेयर प्राइस 200 रुपये है तो इसका 210 Strike price का पुट ऑप्शन ITC 210 CE, In the Put Option कहलाता है
Out of the money ऑप्शन क्या होता है ?
आउट ऑफ द मनी के आधार पर कॉल और पुट ऑप्शन दो प्रकार के होते हैं
Out of the money Call Option
जब किसी शेयर या संबंधित Index का प्राइस Strike price से कम होता है तो Out of the money Call option (OTM) लागू होता है जैसे यदि किसी शेयर या इंडेक्स Index का प्राइस 200/- है तो 210/- प्राइस का कॉल ऑप्शन Out of the money Call option कहलाता है
Out of the money Put Option
और जब किसी शेयर या संबंधित Index का प्राइस Strike price से ज्यादा होता है तो Out of the money put option लागू होता है जैसे यदि किसी शेयर या Index का प्राइस 200/- है तो 210/- Strike price का पुट ऑप्शन Out of the money put option कहलाता है
In the money option वाले सौदे काटना जरूरी क्यों होता है ?
Expiry date से पहले In the money option वाले सौदे Square off करने जरूरी होते हैं क्योंकि यदि आप Expiry date से पहले In the money option वाले सौदे पूरे नही करते हैं तो Security transaction tax (STT) ज्यादा (0.125%) लगता है
और यदि आप Expiry date से पहले अपने In the money option वाले सौदे पूरे कर लेते हैं तो STT बहुत कम .017 % ही लगता है
NOTE : अब आपके मन में एक सवाल जरूर आ रहा होगा कि यदि In the money option वाले सौदे Expiry date से पहले काटने जरूरी होते हैं तो फिर Out of the money option वाले सौदे Expiry date से पहले काटने जरुरी क्यो नहीं होते हैं
तो देखिए इसका जवाब ये है कि आपको ये सौदे काटने की जरूरत ही नही होती है क्योंकि क्योंकि Expiry date पर Out of the money option की वैल्यू Zero हो जाती है जिससे आपका सारा प्रीमियम डूब जाता है
तो चलिए पहले ये समझ लेते हैं कि प्रीमियम जीरो कब हो जाता है फिर ये आप खुद ही समझ जाएंगे
Premium Zero कब हो जाता है ?
एक्सपायरी डेट से पहले Call and Put Option को कभी भी खरीद और बेच सकते हैं लेकिन जैसे जैसे Expiry date पास आती जाती है तो ऑप्शन का Primium भी कम होता जाता है
जब आप एक स्ट्राइक प्राइस X पर किसी शेयर या इंडेक्स का कॉल ऑप्शन खरीद लेते हैं और यदि expiry date पर उस शेयर (या इंडेक्स) का प्राइस, स्ट्राइक प्राइस X से कम ही रहता है तो आपके उस कॉल ऑप्शन का प्रीमियम जीरो हो जाता है
Example :- मान लेते हैं आज 10 मार्च को ITC का शेयर प्राइस 198 रुपये है और आपको लगता है कि आने वाले समय में इसका प्राइस बढ़ने वाला है और आप इसकी मार्च सीरीज का कॉल ऑप्शन ITC MARCH 210 CE @30 रुपये खरीद लेते हैं लेकिन यदि इसके प्राइस में बढ़ोतरी नहीं होती है तो जैसे जैसे मार्च गुजरता जाता है वैसे वैसे ही इसका प्रीमियम 20 15 10 ऐसे कम होता जाता है और यदि मार्च महीनें के अंतिम गुरुवार यानी एक्सपायरी डेट पर भी ITC का शेयर प्राइस 210 से कम रहता है तो आपके कॉल ऑप्शन ITC MARCH 210 CE @30 का प्रीमियम जीरो हो जाता है
Call and Put Option Buyer के फायदे और नुकसान क्या सीमा है ?
कॉल और पुट ऑप्शन खरीदार का नुकसान बस प्रीमियम तक सीमित रहता है और फायदा असीमित हो सकता है यानी Option Buyer को नुकसान तो अधिकतम उतना ही हो सकता है जितने प्रीमियम का वह ऑप्शन खरीदता है लेकिन फायदा कितना भी हो सकता है
मान लेते हैं As a Option Buyer आप Nifty 10000 के Call option का एक लॉट (75 शेयर) @100 रुपये के प्रीमियम पर खरीद लेते हैं और Expiry date वाले दिन यदि निफ़्टी 10000 से नीचे Close हो जाता है तो आपका अधिकतम नुकसान 75×100 = 7500 रुपिये हो सकता है
और यदि फायदे की बात की जाए तो निफ़्टी 10000 से जितना ज्यादा ऊपर जाता है आपका फायदा उतना ही ज्यादा होता है
Call and Put Option Seller के और नुकसान क्या सीमा है ?
कॉल और पुट ऑप्शन बेचने वाले का फायदा तो सीमित होता है लेकिन नुकसान कितना भी हो सकता है यानी एक ऑप्शन विक्रेता को अधिकतम फायदा तो बस उतना ही हो सकता है जितने प्रीमियम का वह ऑप्शन बेचता है लेकिन नुकसान की कोई सीमा नहीं होती है
उदाहरण के लिए मान लेते हैं As a Option Seller आप निफ़्टी 10000 के Put Option का एक लॉट @100 रुपये के प्रीमियम पर खरीद लेते हैं और फिर किसी कारणवश Nifty 10000 से बहुत ज्यादा ऊपर चला जाता है और प्रीमियम बहुत ज्यादा 1400 1500 (कुछ भी हो सकता है) चला जाता है तो ऐसी स्थिति में Option Seller को प्रीमियम 100 से जितना ज्यादा गया है उसे 75 से गुना करके (75 के Multiple) में भुगतान करना होगा यानी इतना ज्यादा आपका नुकसान हो सकता है
और यदि फायदे की बात की जाए तो इस स्थिति में आपको अधिकतम फायदा 75×100 = 7500 रुपये ही हो सकता है जो कि ऑप्शन प्रीमियम है
Note :- लेकिन ऐसा माना जाता है कि 90% केस में Option Seller ही फायदे में रहते हैं और Option Buyer नुकसान उठाते हैं क्योंकि ऑप्शन बेचने वाले इस फील्ड में बहुत अनुभवी होते हैं
कॉल और पुट ऑप्शन, फ्यूचर ट्रेडिंग से अलग कैसे है ?
जैसा कि अब तक आपने समझा कि ऑप्शन ट्रेडिंग में Call and Put Option Buyer का नुकसान तो बस प्रीमियम तक ही सीमित रहता है लेकिन फायदा असीमित हो सकता है और Call and Put Option Seller का फायदा तो बस प्रीमियम तक ही सीमित रहता है लेकिन नुकसान कितना भी हो सकता है
लेकिन फ्यूचर ट्रेडिंग में ऐसा नही है क्योंकि फ्यूचर ट्रेडिंग में खरीदार और विक्रेता दोनों के ही नुकसान और फायदे की कोई सीमा नही होती है
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निफ़्टी ऑप्शन में ट्रेडिंग कैसे करें ? Nifty Call and Put Explain in hindi
जब किसी ट्रेडर को लगता है कि अभी कुछ समय में मार्केट में तेजी आने वाली है और निफ्टी ऊपर जाने वाला है और वह 16 जुुन को निफ़्टी 10000 की कॉल ऑप्शन Nifty JUN 10000 CE का एक लॉट खरीदता है जिसकी एक्सपायरी 25 june को हैं और इसका प्रीमियम 100 रुपये है
मान लेते हैं Nifty 25 june को 10150 पर Close होता है और इसका प्रीमियम 150 रुपिये हो जाता है अतः इस स्थिति में Nifty Option Buyer को 75×50 = 3750 रुपये का फायदा होता है जो कि कुल निवेश पर 50% रिटर्न है
Note :- निफ़्टी का लॉट साइज 75 Share का होता है
और यदि 25 june को निफ़्टी 9970 पर Close होता है तो इस स्थिति में Nifty Option Buyer का पूरा प्रीमियम जीरो हो जाता है और वह अपनी पूरी रकम गँवा देता है
यही बात Nifty Put Option के लिए भी लागू होती है बस फर्क ये होता है कि इस स्थिती में Nifty के गिरने पर Put Option खरीदार को फायदा होता है और बढ़ने और बेचने वाले यानी Option Seller को फायदा होता है
Weekly Expiry क्या होती है ?
किसी भी शेयर, स्टॉक आदि के केस में कॉल और पुट ऑप्शन की एक्सपायरी डेट महिने के अंतिम गुरुवार को होती है
लेकिन Nifty & Bank Nifty के केस में ऐसा नही है क्योंकि निफ़्टी में ऑप्शन ट्रेडिंग को और भी आकर्षक बनाने के लिए महीनें के प्रत्येक गुरुवार को होती है इसे निफ़्टी की Weekly expiry कहा जाता है
मान लेते हैं june महीने के चार सप्ताह में 4 11 18 और 25 june को गुरुवार आ रहा है तो निफ़्टी 10000 के 4 जून वाले Call option को NIFTY 4th JUN 10000 CE , 11 जून वाले को NIFTY 11th JUN 10000 CE , 18 जून वाले को NIFTY 10000 18th JUN 10000CE और 25 जून वाले को NIFTY JUN 10000 CE से व्यक्त किया जाता है
Note :- महीने के अंतिम गुरुवार वाले ऑप्शन में डेट नहीं होती है बस महीने का नाम होता है
अतः निफ़्टी ऑप्शन में ट्रेड करने के लिए आप अपनी सुविधानुसार महीने के किसी भी गुरुवार की एक्सपायरी वाला ऑप्शन सेलेक्ट कर सकते हैं
कॉल और पुट ऑप्शन ट्रेडिंग के फायदे
कॉल और पुट ऑप्शन ट्रेडिंग के प्रमुख फायदे इस प्रकार हैं
- जब आपको लगता है कि शेयर मार्केट गिरने वाला है और आपके शेयर का प्राइस भी कम होने वाला है तो ऐसी स्थिति में आप अपने शेयर को बेचने के बजाय उसका पुट ऑप्शन खरीद सकते हैं ये एक तरह से आपके शेयर का बीमा जैसा हो जाता है और साथ ही आपको शेयर भी नहीं बेचने पड़ते जिससे आप बार बार शेयर को खरीदने बेचने के खर्चे और काफी सारे टैक्स से भी बच जाते हैं
- ऑप्शन ट्रेडिंग में आपको काफी कई गुना लिवरेज मिल जाता है जिससे आप कम पैसे में ज्यादा शेयर खरीद सकते हैं और कम पैसे में ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं
- यदि आपको लगता है कि किसी शेयर का प्राइस नीचे जाने वाला है तो आप उसमें शार्ट सेलिंग करके मुनाफा कमा सकते हैं
ऑप्शन ट्रेडिंग के नुकसान
हर बिजनेस की तरह शेयर बाजार में भी रिस्क निहित होते हैं अतः ऑप्शन ट्रेडिंग के भी फायदे के साथ साथ कुछ नुकसान भी हैं जो इस प्रकार हैं
- ऑप्शन ट्रेडिंग से कम पैसे से ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं ये बात तो सही है लेकिन जितना ज्यादा आपको फायदा हो सकता है उसी अनुपात में नुकसान भी हो सकता है इस बात को भी झुठलाया नहीं जा सकता
- ऑप्शन ट्रेडिंग एक Zero sum गेम होता है यानी जब किसी व्यक्ति को नुकसान होता है तभी किसी दूसरे व्यक्ति को फायदा होता है अतः हमेशा आपको फायदा ही हो यह आवश्यक नहीं है
- ऐसा माना जाता है कि 90% केस में ऑप्शन खरीदार के बजाय ऑप्शन बेचने वाले ही फायदे में रहते हैं और ऑप्शन बेचने के लिए खरीदने के बजाय काफी ज्यादा मार्जिन की आवश्यकता होती है इसके साथ ही ऑप्शन सेलर को होने वाला नुकसान भी असीमित होता है और सीधी सी बात है कि इतने ज्यादा रुपये और असीमित नुकसान को एक आम ट्रेडर अफोर्ड नहीं कर सकता है
Note :- देखिए ऑप्शन ट्रेडिंग के जितने ज्यादा फायदे हैं उसी अनुपात में नुकसान भी होते हैं अतः ऑप्शन ट्रेड से संबंधित किसी भी प्रकार का फाइनेंशियल निर्णय इसके फायदे और नुकसान को ध्यान रखते हुए खुद अपने विवेक से ले (हम आपको ऑप्शन ट्रेडिंग करने के लिए किसी भी प्रकार की कोई सलाह नहीं देते हैं)
Conclusion
अंत मे हम कह सकते हैं कि कॉल और पुट ऑप्शन ज्यादा पैसा लगाए बिना ही मोटा मुनाफा कमाने का एक जरिया है और एक जैकपॉट की तरह है जो आपके पैसे को थोड़े समय में ही कई गुना बढ़ा सकता है बशर्ते मार्केट का मूवमेंट आपकी सोची हुई दिशा में हो
जब मार्केट में Volatility कम होती है यानी जब मार्केट Sideways होता है तो Call and Put Option खरीद कर पैसा नही कमाया जा सकता क्योंकि ऐसी स्थिति में प्रीमियम ज़ीरो होने के चांसेज ज्यादा होते हैं अतः Sideways मार्केट में कॉल और पुट के ऑप्शन बेचकर पैसा कमाया जाता है
हाँ, ये बात सच है कि ऑप्शन ट्रेडिंग से मोटा मुनाफा कमाया जा सकता है लेकिन मुनाफे साथ ही इसमे जोखिम भी शामिल होता है इसलिए जब तक आपको ऑप्शन ट्रेडिंग का अच्छे से ज्ञान ना हो जाये तब तक इससे दूर ही रहना चाहिए यदि फिर सीखने के पर्पस से करना चाहते हैं तो इतनी ही अमाउंट के साथ करें जितना रिस्क आप सहन कर सकते हैं
क्योंकि ये कहावत तो आपने सुनी ही होगी कि “धंधा फैल हो जाये तो कोई बात नही लेकिन आदमी फैल नही होना चाहिए”
कॉल और पुट ऑप्शन में ट्रेडिंग कैसे करते हैं ? कॉल एंड पुट ऑप्शन्स (CE & PE) क्या होते हैं ? कितने प्रकार के होते हैं ? Call and Put Option में Expiry date क्या होती है ? Lot Size क्या होता है ? Premium क्या होता है यह Zero कब हो जाता है ? कॉल और पुट ऑप्शन को खरीदते और बेचते कैसे हैं ? Nifty के कॉल और पुट ऑप्शन में ट्रेडिंग कैसे करे ? किसी स्टॉक के कॉल और पुट ऑप्शन में ट्रेडिंग कैसे करे ? Call & Put Option को Write कैसे करते हैं ? यह सब इस पोस्ट में विस्तार से बताया गया है
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मेरा नाम मनदीप कुमार है
मुझे बिजनेस और शेयर बाजार का कई वर्षों का अनुभव है और पैसे से पैसे बनाना मैंने बहुत गहराई और मेहनत से सीखा है जिसे मैं इस ब्लॉग में आपके साथ साझा करता हूं अतः पैसे की समझ के लिए हमारे ब्लॉग से जरूर जुड़े
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