फर्स्ट पार्टी और थर्ड पार्टी इंश्योरेंस में क्या अंतर है ? Difference Between first party and third party Insurance

फर्स्ट पार्टी और थर्ड पार्टी इंश्योरेंस में क्या अंतर है – अगर आप भी इस कंफ्यूजन में हैं कि थर्ड पार्टी इंश्योरेंस क्या होता है ? फर्स्ट पार्टी इंश्योरेंस क्या होता है ? और इन दोनों इंश्योरेंस में क्या अंतर होता है ? तो आज आपको ये सारी बातें क्लियर करने वाले हैं और ये सब सब विस्तार से बताने वाले हैं

तो चलिए सीधे टॉपिक पर आते हैं और शुरू करते हैं Difference Between first party and third party Insurance in Hindi लेकिन पहले यह समझ लेते हैं कि

आर्टिकल की रूपरेखा

फर्स्ट पार्टी कोन होता है

फर्स्ट पार्टी या पॉलिसी धारक वह व्यक्ति होता है जो बीमा पॉलिसी लेता है यानी अपनी कार, बाइक आदि का इंश्योरेंस करवाता है, मान लेते हैं रमेश बजाज अलियांज नामक इंश्योरेंस कंपनी से अपनी कार का इंश्योरेंस कराता है इसलिए रमेश फर्स्ट पार्टी है

सेकंड पार्टी कोन होता है

सेकंड पार्टी वह इंश्योरेंस कंपनी होती है जिससे आप बीमा कराते हैं, जैसा कि ऊपर उदाहरण में बताया है कि रमेश ने बजाज अलियांज कंपनी से अपनी कार का इंश्योरेंस कराया है, अतः इस स्थिति में बजाज अलियांज सेकंड पार्टी है

थर्ड पार्टी कोन होता है

जब पॉलिसी धारक यानी फर्स्ट पार्टी की गाड़ी से किसी अन्य व्यक्ति का डैमेज हो जाता है तो वह अन्य व्यक्ति थर्ड पार्टी होता है, उपरोक्त उदाहरण के अनुसार मान लेते हैं रमेश की कार से विकास का एक्सीडेंट हो जाता है, तो इस स्थिति में विकास थर्ड पार्टी होगा

थर्ड पार्टी इंश्योरेंस क्या है

देखिए थर्ड पार्टी इंश्योरेंस सिर्फ तीसरे पक्ष के लिए होता है यदि कारण से पॉलिसी धारक की गाड़ी का एक्सीडेंट हो जाता है, जिसमें किसी अन्य व्यक्ति की गाड़ी डैमेज हो जाती है साथ ही उसके हाथ पैर भी टूट जाते हैं तो इस स्थिति में तीसरे पक्ष को हुए किसी भी प्रकार के नुकसान का खर्च बीमा कंपनी वहन करती है और आपको अपनी जेब से कुछ भी खर्च नहीं देना होता है

लेकिन बीमा कंपनी आपकी गाड़ी या आपके व्यक्तिगत किसी भी नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होती है इसके लिए आपको अलग से इंश्योरेंस कराना होता है

फर्स्ट पार्टी इंश्योरेंस क्या है

यदि आप चाहते हैं कि आपकी गाड़ी के चोरी होने, किसी दुर्घटना में क्षतिग्रस्त होने पर या फिर आग आदि से कोई भी नुकसान होने पर उसका खर्च भी इंश्योरेंस कंपनी आप को दे तो इसके लिए आपको अपनी गाड़ी का ओन डैमेज इंश्योरेंस कराना होता है फिर आपकी गाड़ी के किसी भी प्रकार के नुकसान के लिए बीमा कंपनी जिम्मेदार होती है लेकिन

आप अपनी गाड़ी का सिर्फ ओन डैमेज इंश्योरेंस नहीं करा सकते हैं बल्कि इसके साथ इसके साथ थर्ड पार्टी इंश्योरेंस भी कराना होता है क्योंकि कानूनी रूप से किसी भी वाहन के लिए थर्ड पार्टी इंश्योरेंस कराना अनिवार्य है और ओन डैमेज इंश्योरेंस कराना आपकी मर्जी होती है चाहें तो कराए या ना कराए

सीधे शब्दों में कहा जाए तो थर्ड पार्टी इंश्योरेंस + ओन डैमेज इंश्योरेंस को मिला दिया जाता है तो यह फर्स्ट पार्टी इंश्योरेंस होता है, जिसे कंप्रिहेंसिव इंश्योरेंस भी कहते हैं जिसमें आप अपनी सुविधा अनुसार अन्य ऐड ओन इंश्योरेंस प्लान भी शामिल कर सकते हैं जैसे

  • जीरो डेप्रिसिएशन
  • की रिप्लेसमेंट
  • इंजन प्रोटेक्शन
  • इलेक्ट्रिक सर्किट प्रोटेक्शन
  • इमरजेंसी असिस्टेंस कवर
  • आदि

ऐड ओन कवर क्या होते हैं और वाहन बीमा कितने प्रकार का होता है इसे डिटेल से समझने के लिए आप यह पोस्ट पढ़ सकते हैं

वाहन बीमा के प्रकार | पूरी जानकारी हिंदी में

फर्स्ट पार्टी और थर्ड पार्टी इंश्योरेंस में क्या अंतर है

फर्स्ट पार्टी और थर्ड पार्टी इंश्योरेंस में क्या अंतर है – Difference Between first party and third party Insurance in Hindi

अब तक आप अच्छे से जान गए हैं कि फर्स्ट कौन होता है थर्ड पार्टी कौन होता है और सेकंड पार्टी कौन होता है ? तो चलिये अब फर्स्ट पार्टी और थर्ड पार्टी इंश्योरेंस में क्या अंतर होता है इसे समझते हैं

फर्स्ट पार्टी और थर्ड पार्टी इंश्योरेंस में प्रमुख अंतर इस प्रकार से हैं

  1. थर्ड पार्टी इंश्योरेंस कानूनी से अनिवार्य
  2. थर्ड पार्टी इंश्योरेंस में बीमा कंपनी सिर्फ तीसरे पक्ष के नुकसान के लिए उत्तरदायी
  3. नया वाहन लेने पर अनिवार्य बीमा अवधि
  4. अतिरिक्त बीमा सुविधा के आधार पर अंतर
  5. अनिवार्य दुर्घटना बीमा की सीमा
  6. पास बैठे अन्य यात्रियों के लिए दुर्घटना बीमा और सीमा

चलिए इन्हें एक एक करके डिटेल से समझते हैं

# 1. थर्ड पार्टी इंश्योरेंस कानूनी रूप से अनिवार्य है

फर्स्ट पार्टी और थर्ड पार्टी इंश्योरेंस में सबसे प्रमुख अंतर ये है कि थर्ड पार्टी इंश्योरेंस कराना कानून रूप से अनिवार्य है

जबकि कंप्रिहेंसिव/फर्स्ट पार्ट इंश्योरेंस के मामले में ऐसी कोई कानूनी अनिवार्यता नहीं है आप चाहें तो फर्स्ट पार्टी इंश्योरेंस करा सकते हैं और ना चाहें तो सिर्फ सिर्फ थर्ड पार्टी इंश्योरेंस से ही काम चला सकते हैं

Note :- भारतीय मोटर वाहन अधिनियम के अनुसार किसी भी सार्वजनिक सड़क पर वाहन चलाने के लिए उसका कम से कम थर्ड पार्टी /तृतीय पक्ष बीमा होना जरूरी है नहीं तो आप पर कानूनी कारवाई की जा सकती है

# 2. थर्ड पार्टी इंश्योरेंस में बीमा कंपनी सिर्फ थर्ड पार्टी यानी तीसरे पक्ष के नुकसान के लिए जिम्मेदार होती है

यदि किसी कारणवश आपकी कार किसी अन्य व्यक्ति की बाइक से टकरा जाती है जिसमें बाइक सवार चोटिल हो जाता है या उसकी मृत्यु हो जाती है, उसकी बाइक टूट जाती है साथ ही आपकी कार भी डैमेज हो जाती है, तो ऐसी स्थिति में फर्स्ट पार्ट और थर्ड पार्टी इंश्योरेंस में अंतर को निम्न प्रकार समझ सकते हैं

केस -1 यदि आपने कार का थर्ड पार्टी इंश्योरेंस कराया है

इस स्थिति में इंश्योरेंस कंपनी, सिर्फ थर्ड पार्टी जिसकी बाइक डैमेज हो गई है और बाइक सवार चोटिल हो गया है सिर्फ उसके नुकसान के लिए लिए जिम्मेदार है, और उस बाइक सवार के ठीक होने और उसकी बाइक के रिपेयर होने में जितना खर्च आता है वह सारा खर्च बीमा कंपनी वहन करती है या उसकी मृत्यु हो जाती है तो उसे क्लेम भी बीमा कंपनी देती है

लेकिन जो आपकी कार डैमेज हो गई है उसके लिए बीमा कंपनी जिम्मेदार नहीं है, उसे आपको स्वंय के रुपये से खुद ही रिपेयर कराना होगा

केस – 2 यदि आपने फर्स्ट पार्टी इंश्योरेंस कराया है

इस प्रकार के बीमा में थर्ड पार्टी के किसी भी प्रकार के नुकसान के साथ ही आपके नुकसान के लिए भी बीमा कंपनी जिम्मेदार होती है, यदि आपकी कार आदि डैमेज हो जाती है तो उसे ठीक होने का सारा खर्च बीमा कंपनी वहन करती है

# 3. नया वाहन लेने पर अनिवार्य बीमा अवधि

भारतीय मोटर वाहन अधिनियम के अनुसार नया दोपहिया वाहन बाइक स्कूटर मोपेड आदि लेने पर कम से कम 5 वर्ष और चार पहिया वाहन लेने पर कम से कम 3 वर्ष का थर्ड पार्टी इंश्योरेंस कराना अनिवार्य है

लेकिन फर्स्ट पार्टी बीमा के संबंध में ऐसी कोई अनिवार्यता नहीं है और आप अपनी सुविधा अनुसार 1 वर्ष या इससे ज्यादा का फर्स्ट पार्टी बीमा करा सकते हैं

# 4. अतिरिक्त बीमा सुविधा के आधार पर अंतर

यदि आप कार आदि का थर्ड पार्टी इंश्योरेंस कराते हैं तो इसके साथ अतिरिक्त बीमा सुविधा के रूप में आपको बस अनिवार्य दुर्घटना बीमा (जो वाहन चालक ड्राइवर के लिए होता है और कम से कम 15 लाख का कराना होता है) मिलता है

लेकिन फर्स्ट पार्टी इंश्योरेंस में आप ऐड ओन कवर/अतिरिक्त बीमा सुविधा भी ले सकते हैं जैसा ऊपर बताया है

Note :- यदि आपने अपना पर्सनल इंश्योरेंस पहले से ही करा रखा है जो 15 लाख या इससे ज्यादा का है, तो आपको थर्ड पार्टी इंश्योरेंस के साथ अनिवार्य दुर्घटना बीमा लेने की आवश्यकता नहीं होती है

ये भी पढ़े

कार या बाइक चोरी होने पर इंश्योरेंस क्लेम कैसे करे

बस का बिजनेस कैसे करे प्रति वर्ष 10 से 12 लाख की कमाई

# 5. थर्ड पार्टी इंश्योरेंस में अनिवार्य दुर्घटना बीमा की सीमा बढ़ा नहीं सकते हैं

फर्स्ट पार्टी इंश्योरेंस में आप अनिवार्य दुर्घटना बीमा की सीमा 15 लाख से ज्यादा अपनी सुविधा अनुसार बढ़ा सकते हैं

लेकिन थर्ड पार्टी इंश्योरेंस में आप अनिवार्य दुर्घटना बीमा की सीमा 15 लाख से ज्यादा नहीं बढ़ा सकते हैं

# 6. अन्य यात्रियों के लिए दुर्घटना बीमा

यदि आप अपनी कार का थर्ड पार्ट इंश्योरेंस कराते हैं तो सिर्फ वाहन चालक यानी ड्राइवर का बीमा ही ले सकते हैं, अपने साथ बगल में बैठे या किसी अन्य यात्री का व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा नहीं ले सकते हैं

जबकि फर्स्ट पार्टी इंश्योरेंस में आप अपनी सुविधा अनुसार अपने बगल में बैठे व्यक्ति या फिर अन्य यात्रियों के लिए दुर्घटना बीमा ले सकते हैं और इसे 15 लाख से ज्यादा बढ़ा भी सकते हैं

इस आर्टिकल में हमने फर्स्ट पार्टी इंश्योरेंस क्या है ? थर्ड पार्टी इंश्योरेंस क्या है ? कंप्रिहेंसिव इंश्योरेंस क्या है ? अतिरिक्त बीमा सुविधा/ऐड ओन कवर क्या है ? और इनमें क्या अंतर है यह सब विस्तार से समझाया है यदि अभी भी आपके मन में कुछ सवाल हैं तो बेझिझक कमेंट में पूछ सकते हैं

यदि आपको हमारी पोस्ट “फर्स्ट पार्टी और थर्ड पार्टी इंश्योरेंस में क्या अंतर है ? Difference Between first party and third party Insurance in Hindi” अच्छी लगी तो इसे अपने दोस्तों के साथ फेसबुक व्हाट्सएप पर शेयर जरूर करे

Leave a Comment

error: Content is protected !!