ऑपरेटर छोटे निवेशकों को कैसे लूटते हैं ? शेयर मार्केट ऑपरेटर क्या होते हैं | आज जानिए इनका पूरा खेल

ऑपरेटर छोटे निवेशकों को कैसे लूटते हैं – अगर आप शेयर मार्केट में निवेश करते हैं तो इस कहावत से भली भांति परिचित होंगे कि

शेयर मार्केट में अक्सर बड़ी मछलियां छोटी मछलियों को खा जाती हैं

यहाँ बड़ी मछलियों से आशय है – ऑपरेटर यानी बड़े निवेशक और छोटी मछलियों से आशय है रिटेल इन्वेस्टर यानी छोटे निवेशक

ऑपरेटर आपको 200/- रुपये में खरीदे हुए शेयर को 190 रुपये में बेचने को मजबूर कर देते हैं और फिर आपसे वही शेयर 210/- रुपये में दुबारा खरीदवा देते हैं और आपको पता भी नहीं चलता है कि यह सब एक षडयंत्र था क्योंकि आपको यह सब आपको प्राकृतिक लगता है और आप सोचते हैं कि यह तो शेयर मार्केट की प्रकृति है या ऐसा होना स्वाभाविक है लेकिन यह सब उनका उनका सोचा समझा Pre plan होता है

शेयर मार्केट ऑपरेटर क्या होते हैं ? ये छोटे निवेशकों को कैसे लूटते हैं और उन्हें कैसे गुमराह करते हैं तो चलिए आज इनका यह पूरा खेल विस्तार से समझाते हैं

शेयर मार्केट ऑपरेटर क्या होते हैं

शेयर मार्केट ऑपरेटरों को बड़े निवेशक भी कह सकते हैं ये कृत्रिम रूप से किसी शेयर में ऐसी स्थिति उत्पन्न करते हैं जिससे किसी शेयर को कौड़ियों के भाव खरीद कर उसे बहुत ऊंचे भाव पर बेच कर खुद तो उस शेयर से बाहर हो जाते हैं और रिटेल निवेशकों का भारी नुकसान हो जाता है साथ ही रिटेल निवेशकों को लगता है कि यह सब तो प्राकृतिक रूप से हुआ है और ऐसा होना तो शेयर मार्केट में स्वाभाविक है

शेयर मार्केट ऑपरेटर दो प्रकार के होते हैं

  1. बड़े ऑपरेटर
  2. छोटे ऑपरेटर

शेयर मार्केट में ऑपरेटर छोटे निवेशकों को कैसे लूटते हैं – How Operators fry retail investors

ऑपरेटर छोटे निवेशकों को कैसे लूटते हैं

देखिए दोनों प्रकार के ऑपरेटरों की अलग अलग रणनीति होती है जिससे ये छोटे निवेशकों को गुमराह करते हैं और उनकी मेहनत की गाढ़ी कमाई को साफ कर देते हैं आइए इन्हें एक एक करके समझते हैं

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छोटे ऑपरेटर

छोटे ऑपरेटर वे होते हैं जो टेलीग्राम, व्हाट्सएप ग्रुप, फेसबुक पेज आदि के माध्यम से अपना खेल संचालित करते हैं इनके पास किसी शेयर को चढ़ाने – गिराने के लिए लाखों करोड़ों की धनराशि होती है और इसके लिए ये Intra day & Option trading का सहारा लेते हैं क्योंकि इनमें कई गुना मार्जिन मिल जाता है जिससे यह सब करना इनके लिए और आसान हो जाता है

इसे आई टी सी के शेयर के उदाहरण से समझते हैं

मान लेते हैं ITC का शेयर प्राइस 200/- रुपये है और आज इन्हें इस शेयर को ऑपरेट करना है तो इसके लिए इनकी प्रक्रिया कुछ इस से प्रकार होती है

ये पहले इस शेयर में अपनी पोजिशन बनाते हैं यानी खुद इसे भारी मात्रा में खरीद लेते हैं और मान लेते हैं इन्हें इस शेयर में 20 लाख रुपये डालने हैं तो इसके लिये ये Intra day में ट्रेडिंग करते हैं जिससे इन्हें कई गुना लीवरेज भी मिल जाता है मान लेते हैं इन्हें 10 गुना मार्जिन भी मिलता है तो ये 20 लाख × 10 = 2 करोड़ रुपए के शेयर खरीद सकते हैं

शेयर का भाव 200/- रुपये चल रहा है इसलिए 2 करोड़ रुपये में ये ITC के 2 करोड़ /200 = 1 लाख शेयर खरीद लेते हैं लेकिन इतने सारे शेयर इन्हें एक साथ नही मिल पाएंगे इसलिए ये इन्हें अलग अलग आर्डर डालकर खरीदते हैं इसलिए इन्हें कुछ शेयर 201 202 203 पर खरीदने पड़ते हैं इसलिए मान लेते हैं इनका Average Buying Price लगभग 202 रुपये हैं

जब ये इतने सारे शेयर एक साथ खरीदते हैं तो शेयर की डिमांड बढ़ने लगती है और शेयर का भाव बढ़ने लगता है और जब शेयर का भाव 207 208 तक पहुँच जाता है तो अब ये अपने लाखो फॉलोवर को सोशल मीडिया जैसे टेलीग्राम, व्हाट्सएप ग्रुप आदि पर उन्हें खरीदने की टिप्स देना शुरु करते हैं कि यह शेयर आज Bull trend में हैं

और जब इतने सारे लोग अचानक से इस शेयर को खरीदना शुरू करते हैं तो यह शेयर और ऊपर जाने लगता है और देखते ही देखते 210 212 214 तक पहुँच जाता है

जब शेयर अच्छा खासा ऊपर आ जाता है तो ये धीरे धीरे अपने शेयर बेचना शुरू कर देते हैं और 214 212 210 209 तक अपने सारे शेयर बेच देते हैं

और जब ये अपने शेयर बेचना शुरू करते हैं तो शेयर का प्राइस फिर से धीरे धीरे 208 206 204 तक वापिस वही आ जाता है और आप सोचते हैं कि ये सब तो नैचरली हुआ है शेयर चढ़ना गिरना तो शेयर मार्केट का स्वभाव है, 3 – 4 पॉइंट का लाभ तो ले ही सकता था लेकिन मैं ही लालची था जो ज्यादा लालच के चक्कर मे इसे बेचा नहीं और होल्ड करके बैठा रहा

लेकिन आप बस ये सोचते ही रह गए और ऑपरेटर लोग अपना मुनाफा बना गए

मान लेते हैं इनके बेचने का Average Selling Price लगभग 209 रुपये है तो इस हिसाब से इनका कुल Average selling price – Average buying price यानी 209 – 202 = 7 पॉइंट का मुनाफा हो जाता है

और इस प्रकार ये बस कुछ ही समय मे 1लाख × 7 = 7 लाख रुपये का मुनाफा बना लेते हैं देखिए इनका यह मुनाफा और भी ज्यादा होता है लेकिन इसे आसानी समझाने के लिए हमने उदाहरण में कम धनराशि का उपयोग किया है

बड़े ऑपरेटर

बड़े ऑपरेटर छोटे निवेशकों को फसाने के लिए Pump and dump formula का इस्तेमाल करते हैं इसके लिए इनके पास करोड़ो का फण्ड होता है और ये ऑपरेटर पंप एन्ड डंप ले लिए किसी ऐसे शेयर का चुनाव करते हैं जिसका मार्केट कैप बस कुछ करोड़ यानी कम होता है जहां तक संभव हो सके तो कंपनी के प्रोमोटर और मालिक को भी इसमें शामिल कर लेते हैं चलिये अब इनके खेल को डिटेल से समझते हैं

# स्टेप : 1  पहले भारी मात्रा में खुद शेयर खरीद लेते हैं

बड़े ऑपरेटर किसी शेयर को ऑपरेट करने के लिए सबसे पहले खुद उसे भारी मात्रा में खरीद लेते हैं , इसके लिए ये उस शेयर का लगभग 70 – 80 प्रतिशत स्टेक खरीदकर अपनी पोजिशन बना लेते हैं मान लेते हैं ये इस शेयर को @ 4/- रुपये खरीद लेते हैं

# स्टेप : 2  टार्गेटेड शेयर के बारे में अच्छी खबर फैलाते हैं

अब इनका दूसरा महत्वपूर्ण कदम होता है अपने टार्गेटेड शेयर के बारे में अच्छी – अच्छी खबर फैलाना इसके लिए ये बिजनेस और शेयर मार्केट की पत्रिकाओं और टी वी न्यूज़ चैनलों जैसे Cnbc आवाज जी बिजनेस आदि का सहारा लेते हैं इसके लिए ये इन्हें सीधे रुपये देकर या अन्य तरीकों से भुगतान कर देते हैं

शेयर के बारे में हर जगह अच्छी अच्छी न्यूज़ देख कर अब रिटेल निवेशक यानी छोटे निवेशक इसे खरीदना शुरू कर देते हैं

लेकिन इन्होंने अधिकतम शेयर तो पहले खुद ही खरीद लिए हैं , अतः अब मार्केट में इसके Free float share बहुत कम होते हैं  डिमांड बढ़ जाती है और शेयर का भाव बढ़ने लगता है

जब शेयर का भाव 8 – 10/- रुपये तक पहुँच जाता है तो अब ये कंपनी के मालिक से भी उसके सोशल मीडिया अकाउंट ट्विटर आदि पर ट्वीट करा देते हैं कि हम अपनी कंपनी का विस्तारीकरण करने वाले हैं, नए प्रोजेक्ट शुरू करने वाले हैं, फण्ड रेज करने वाले हैं आदि आदि इससे शेयर प्राइस और बढ़ने लगता है और देखते ही देखते 15 17 18 20 तक पहुँच जाता है

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# स्टेप : 3 ऑपरेटर ठीक समय पर शेयर बेचकर बाहर निकल जाते हैं

छोटे निवेशक सोचते हैं कि यदि अभी शेयर को नहीं खरीदा तो फिर नही खरीद पाएंगे इसलिए और ज्यादा खरीदने लगते हैं और शेयर 22 24 26 तक पहुँच जाता है ऑपरेटर चाहें तो इसे और भी ऊपर ले जा सकते हैं

और जब ऑपरेटर को लगता है कि शेयर अच्छा खासा बढ़ गया है तो अब वे अपने शेयर बेचने शुरू कर देते हैं और पत्रिकाओं, टी वी चैनल, प्रोमोटर और कंपनी मालिक आदि का भुगतान कर और धीरे धीरे अपने सारे शेयर बेचकर खुद उस शेयर से बाहर निकल जाते हैं

इस आर्टिकल में शेयर मार्केट ऑपरेटर क्या होते हैं ? वे किसी शेयर को कैसे ऑपरेट करते हैं और रिटेल निवेशकों को कैसे गुमराह करते हैं विस्तार से बताया गया है

यदि आपको हमारी पोस्ट “शेयर मार्केट ऑपरेटर क्या होते हैं ? ऑपरेटर छोटे निवेशकों को कैसे लूटते हैं ? आज जानिए इनका पूरा खेल” अच्छी लगी तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करे जिससे वे भी शेयर मार्केट ऑपरेटर के चंगुल से बच सके और खुद से सुरक्षित निवेश कर सके

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