Job vs Business story in hindi – आज आपको एक ऐसी बिजनेस Motivation story सुनाते हैं जिससे आप जान पाएंगे कि जॉब और बिजनेस में क्या अंतर होता है तथा जिंदगी में स्थायी और अपार सफलता के लिए जॉब और बिजनेस में आपको क्या करना चाहिए
Job vs Business story in hindi
एक बार चंदू और चिंकी नाम के दो दोस्त थे दोनों का बचपन साथ मे बीता और दोनों एक साथ पढ़ लिखकर बड़े हुए लेकिन चंदू पढ़ाई में ज्यादा होशियार नहीं था
और इसके साथ ही चंदू के परिवार की आर्थिक स्थिति भी ठीक नहीं थी इसलिए वह ज्यादा पढ़ाई नहीं कर पाया चंदू ने जैसे तैसे 10 th कक्षा पास की और इसके बाद मजबूरन चंदू को पढ़ाई छोड़नी पड़ी
कमज़ोरी को ताकत बनाओ – Business Success story
दसवीं कक्षा की पढ़ाई पूरी करने बाद चंदू ने काम मे अपने पिताजी का हाथ बँटाने का निर्णय लिया
चंदू के पिताजी अपने छोटे से शहर में SBI बैंक के सामने समोसे का ठेला लगाते थे बस इस ठेले से जो कमाई होती थी वही चंदू के परिवार की आय थी और इसी से उनका गुजर बसर होता था
चंदू बहुत मेहनती किस्म का लड़का था वह रोज सुबह जल्दी उठकर अपने पिताजी के साथ काम पर जाता और शाम को देर रात घर पे आता था
ऐसे ही कोई दो तीन वर्ष गुजर गए लेकिन अब उनकी कमाई पहले से ज्यादा हो गई थी और परिवार का भरण पोषण करने के बाद उन्होंने कुछ रुपिये बचाने भी शुरू कर दिए – Job vs Business story in hindi
समय गुजरता गया और लगभग पांच वर्ष पश्चात चंदू ने और उसके पापा ने अपने बचाये हुए पैसे से अपने ठेले वाले स्थान पर कुछ जमीन खरीद ली
अब ठेले के बजाय उन्होंने उस जमीन पर एक दुकान बना ली और उसमें समोसे के साथ साथ कचौरी और जूस भी बनाने लगे
लोगो की बात पर ध्यान मत दो – Be Continue to your target
एक दिन चिंकी चंदू की दुकान पर आता है और और उसे बताता है कि उसकी बैंक मैनेजर की जॉब लग गयी है और उसका पहली पोस्टिंग उसके सामने वाले SBI बैंक में आयी है
चंदू इस बात पर अपनी खुशी जाहिर करता है और चिंकी को नौकरी लगने की बधाई देता है चिंकी बहुत खुश होता है और व्यंग्यात्मक रूप से चंदू को कहता है कि काश तू भी पढ़ा लिखा होता तो मेरी तरह सरकारी नौकरी लग सकता था इतना कहकर चिंकी अपने घर चला जाता है
ऐसे ही चार पांच वर्ष बीत जाते हैं और अब चंदू का ठेला एक हॉटल में तब्दील हो गया था
ये भी पढ़ें
बिजनेस में सफलता कैसे प्राप्त करें – How to success in business 25 ways
जॉब और बिजनेस में 20 प्रमुख अंतर – 20 Difference between Job and Business
तब एक दिन फिर चिंकी चंदू के पास आता है और कहता है कि यार तू सुबह सुबह इतनी जल्दी अपने काम पर आ जाता है और रात को भी बहुत देर तक दस ग्यारह बजे वापिस घर जाता है यार तू तो बहुत थक जाता होगा आखिर इतना काम कैसे कर पाता है
और चंदू से आगे कहता है कि चलो छोड़ो कोई बात नहीं वो तो किस्मत की बात है पर यर बताओ इतना ज्यादा काम करके और परेशान होकर कितना कमा लेते हो
तो चंदू चिंकी से कहता है कि बस भाई बीस पच्चीस हजार कमा लेता हूं इतना सुनकर चिंकी और भी खुश होता है और चंदू से कहता है मुझे देखो मैं सुबह दस बजे बैंक आता हूं और शाम को 4 बजे घर चला जाता हूं और सारे दिन AC में रहता हूं और सरकार से 1 महीनें के पूरे चालीस हजार रुपिये तनख्वाह प्राप्त करता हूं
और एक आप हो जो सुबह अर्ली मॉर्निंग से लेकर देर रात काम करते हो और वो भी धुंआ और पसीने में – Job vs Business story in hindi
चिंकी की बातों में गुरुर साफ साफ छलक रहा था चिंकी इस प्रकार की बाते चंदू को बार बार कहता था और उसे इस बात अहसास दिलाता था कि अगर वह भी पढ़ लिख लेता तो उसकी तरह नौकरी लग सकता था
स्थायी और दीर्घकालीन सफलता – Job vs Business story in hindi
समय बीतता गया चंदू अपने काम मे मस्त और चिंकी अपनी नौकरी में मस्त
अब तक चंदू और चिंकी दोनों की उम्र करीब चालीस पैंतालीस वर्ष हो चुकी थी चंदु ने अपने हॉटल को बहुत ही मॉडर्न और आकर्षक बना लिया था साथ ही उसे डबल मंजिल कर लिया था और कुछ दुकाने किराए पर भी दे रखी थी
उम्र के इसी पड़ाव में एक दिन चिंकी चंदु से फिर मिलने आता है उनकी आपस मे बातचीत होती है चंदु अब महीने के 60 हजार कमाने लगा था क्योंकि उसका हॉटल बहुत आकर्षक और मॉडर्न था जिससे बहुत सारे ग्राहक आते थे और साथ ही ऊपर वाली मंजिल से दुकानों का किराया भी प्राप्त होता था
लेकिन चिंकी की तनख्वाह भी अब 70 हजार हो चुकी थी और वह अभी भी अपने आप को चंदु से बेहतर समझता था और मन ही मन खुश होता था
सब्र का फल मीठा होता है – Business success story
इसी प्रकार कुछ वर्ष और बीत जाते हैं और एक दिन फिर से चंदु और चिंकी की मुलाकात होती है लेकिन अब चिंकी अपनी सरकारी नौकरी से रिटायर हो चुका था
चंदु चिंकी से पूछता है कि और दोस्त कैसी चल रही है आपकी नौकरी तो चिंकी बताता है कि मैं तो अब रिटायर हो चुका हूं मेरी तो अब कुछ भी तनख्वाह नही है लेकिन रिटायर हुआ तब मेरी तनख्वाह पूरे 90,000 /- रुपिये थी और अब मैं मेरे बच्चे पर आश्रित हूं उसी की चिंता रहती है बस उसे कोई अच्छी सी नौकरी मिल जाये तो मैं आराम की सांस लू
(2004 के बाद सरकारी जॉब में पेंशन बंद कर दी गयी है)
अब चिंकी चंदु से पूछता है कि आप सुनाओ यार आपका हॉटल कैसा चल रहा है और आपके बेटे की कोई नौकरी लगी क्या ?
चिंकी के ये सवाल सुनकर चंदु पहले तो मुस्कुराता है और फिर कहता है यार मुझे तो मेरे बेटे की कोई चिंता नही है क्योंकि मेरे बेटे को तो नौकरी करने की जरूरत ही नही है क्योंकि उसने ही कई व्यक्तियों को नौकरी पर रख रखा है उसके नीचे पूरे दस व्यक्ति काम करते हैं
और रही बात मेरी मैं तो आराम से घर पर रहता हूं कभी मैन करता है तो यहाँ घूमने आ जाता हूं मैंने तो अपना होटल कहो या बिजनेस अपने पुत्र को सौंप दिया है उसे ही सब कुछ सिखा दिया है और सारा खर्च काट के महीने का आराम से 1 से डेढ़ लाख तक बच जाता है – Business success story
इतना सुनकर चिंकी को मन ही मन चंदु से ईर्ष्या होने लगी और पश्चाताप भी हुआ और वह चंदु से माफी मांगने लगा और कहने लगा कि यार मुझे माफ़ कर दे मैं जीवनभर अपने आप को तेरे से श्रेष्ठ मानता रहा और कई बार तेरे काम का मजाक भी उड़ाया
ये भी पढ़ें
डेविड ने गोलियाथ को कैसे पराजित किया – Business story in hindi
लेकिन आज मुझे समझ आ गया कि असली अमीर कोन है तथा नौकरी यानी जॉब और बिजनेस में अंतर है बिजनेस की क्या पावर होती है
मेरे दोस्त असली अमीर तो तू है अपने पुत्र को असली विरासत तो तूने प्रदान की है अब उसे नौकरी करने की कोई जरूरत नही है मेरे पुत्र को तो अब फिर से जीरो से शुरुआत करनी पड़ेगी शायद उसे कोई जॉब भी करनी पड़ जाए
Moral – इस कहानी से क्या शिक्षा मिलती है
इस Job vs business story in hindi से यह शिक्षा मिलती है कि हमें किसी जॉब या नौकरी के बजाय कोई ऐसा काम या बिजनेस करना चाहिए जिससे आपकी मेहनत का सिर्फ और सिर्फ आपको को ही फायदा मिले और जो सफलता आपको मिले वह स्थाई रूप से आपके पास रहे जिससे आप अपनी मर्जी के मालिक खुद बन सके
बिजनेस में बेशक से समय लगता है लेकिन इसका एक महत्वपूर्ण फायदा यह होता है कि इसे आप अपने पुत्र या उत्तराधिकारी को सौंप सकते हैं जिससे उसे जीरो यानी शून्य से शुरुआत करने की आवश्यकता नही होती है
आशा करते हैं अब आपको जॉब और बिजनेस में क्या अंतर होता है तथा Job और Business में क्या अच्छा होता है अच्छे से समझ आ गया होगा
आपको यह बिजनेस कहानी अच्छी लगी और यदि इससे आपको कुछ सीखने को मिला तो इसे अभी दोस्तो के साथ व्हाट्सप्प फ़ेसबुक पर शेयर करे

मेरा नाम मनदीप कुमार है
मुझे बिजनेस और शेयर बाजार का कई वर्षों का अनुभव है और पैसे से पैसे बनाना मैंने बहुत गहराई और मेहनत से सीखा है जिसे मैं इस ब्लॉग में आपके साथ साझा करता हूं अतः पैसे की समझ के लिए हमारे ब्लॉग से जरूर जुड़े