शेयर मार्केट का गणित जो भी व्यक्ति समझ लेता है मालामाल हो जाता है। और खास बात इसे समझने के लिए किसी रॉकेट साइंस की आवश्यकता नहीं पड़ती बस एक शांत, स्थिर और धैर्यशील दिमाग की आवश्यकता होती है। यानी इसे एक आम और कम पढ़ा लिखा व्यक्ति भी बड़ी आसानी से समझ सकता है और शेयर बाजार में मोटे पैसे कमा सकता है
लेकिन अब सवाल यह आता है कि Share market ka ganit क्या है? इसीलिए आज हम इस आर्टिकल में आपको शेयर मार्केट गणित के ऐसे टॉप 11 सूत्र बताने वाले हैं जिन्हें आप अच्छे से समझ लेते हैं, तो आपको शेयर बाजार में नुकसान से बचने के टिप्स या शेयर मार्केट में पैसा कैसे लगाएं जिससे मोटा मुनाफा मिले, जैसी बातें पढ़ने की जरूरत कभी नहीं पड़ेगी
शेयर मार्केट का गणित क्या है?
शेयर मार्केट का गणित, का मतलब एक ऐसी स्ट्रैटजी से है जिससे शेयर मार्केट में निवेशक और ट्रेडर कुछ खास सूत्रों को फॉलो करके कम समय और कम पैसे से कई गुना पैसा कमाते हैं
शेयर मार्केट का गणित करोड़पति बना सकता है?
अगर आप धैर्य रख सकते हैं और थोड़ा रिस्क लेने की क्षमता रखते हैं तो यकीन मानिए 8 से 10 वर्षों में आप शेयर मार्केट से इतना ज्यादा पैसा कमा सकते हैं जो आपकी उम्मीद से बहुत बहुत ज्यादा होगा उदाहरण के लिए
- यदि आपने 2009 में बजाज फाइनेंस में 1 लाख रुपये लगाए होते तो आज आपके पास 10 करोड रुपये होते
- यदि आपने वर्ष 1993 में इंफोसिस में सिर्फ 10 हजार रुपये निवेश किये होते तो आज आपके पास 3 करोड़ से भी ज्यादा रुपये होते
- अगर आपने 1993 में विप्रो कंपनी में सिर्फ 1 लाख रुपये निवेश किये होते तो आपके पास 113 करोड़ रुपये होते
- 20 वर्ष पहले HDFC बैंक में 1 लाख रुपये फिक्स्ड डिपॉजिट करने के बजाय इसके शेयर खरीदे होते तो आज आपके पास 1 करोड़ रुपये होते
लेकिन जैसा कि हमने पहले ही बताया था कि इसके लिए आपको शांत, स्थिर और धैर्यवान होना बहुत जरूरी है। चंचल, नकारात्मक, अस्थिर और तुरंत अमीर बनने की इच्छा वाला व्यक्ति शेयर बाजार का गणित कभी नहीं समझ सकता है
[11 सूत्र] शेयर मार्केट का गणित, जो एक आम व्यक्ति को करोड़पति बना सकता है
चलिए अब सीधे टॉपिक पर आते हैं और शेयर मार्केट गणित का वह 11 सूत्र विस्तार से जानते हैं जिन्हें फॉलो करके एक आम, कम पढ़ा लिखा और छोटी सी जॉब करने वाला व्यक्ति भी शेयर मार्केट से लाखों करोड़ों रुपए कमा सकता है
ध्यान दे यहां आपको जो शेयर मार्केट का गणित बताने वाले हैं उसके ज्यादातर सूत्र इतने सीधे व सरल हैं कि शायद आपको उन पर यह यकीन ना हो कि इनसे लाखों करोड़ों रुपए कमाए जा सकते हैं। लेकिन इतिहास गवाह है कि सदी के सभी बड़े और महान निवेशकों ने इन्हीं सूत्रों का उपयोग करके बेशुमार दौलत कमाई है। और सिर्फ इन्ही सूत्रों को सीखने में उन्हें कई वर्षों का समय लगा।
1. सट्टा/जुआ धारणा का गणित
कोई भी व्यक्ति नदी में सिर्फ गिर जाने से नहीं मरता, डूबकर तब मरता है जब उसे तैरना नहीं आता
इसलिए शेयर मार्केट पर कोई भी चर्चा शुरू करने से पहले मैं आपको एक बात विशेष रूप से बता देना चाहता हूं कि शेयर मार्केट को सट्टा या जुआ सिर्फ वे ही लोग बोलते हैं जिन्होंने इसके बारे में बस सुना होता है और जानते कुछ नहीं हैं। या फिर दूसरों की देखादेखी खुद से बिना जानकारी लिए पैसे लगाए होते हैं और भारी नुकसान उठा चुके होते हैं
देखिए जोखिम हर काम में शामिल होता है यानी जोखिमरहित दुनिया में कोई भी काम नहीं है। इसलिए सीधी सी बात है कि शेयर मार्केट में भी जोखिम होता है, इसमें आप शेयर/स्टॉक पर पैसे लगाते हैं जिनका प्राइस कम हो जाने पर पैसे का नुकसान होने का डर/जोखिम रहता है। लेकिन अच्छी खबर यह है कि इसकी जानकारी जुटाकर आप इस जोखिम को कम कर सकते हैं
अतः शेयर शेयर मार्केट का गणित समझने के लिए सबसे पहले आपको इसके प्रति सट्टा या जुआ वाली धारण का त्याग करना होगा। चूंकि आप इसके बारे में जितना अधिक सीखेंगे और जानकारी जुटायेंगे उसी अनुपात में आपका जोखिम भी कम हो जाएगा। और फिर आप बेहद कम जोखिम के साथ बेशुमार दौलत कमा सकते हैं। और तब आपको इसके प्रति सट्टे/जुए की धारणा सिर्फ एक मजाक भर लगेगी
2. भेड़चाल निवेश का गणित
शेयर मार्केट का गणित में भेड़चाल निवेश भी अति महत्वपूर्ण चैप्टर है जिसे आपको बहुत अच्छे से समझना चाहिए। शेयर मार्केट में भेड़चाल निवेश का मतलब है खुद से बिना कोई जानकारी हासिल किये सिर्फ दूसरों की देखादेखी या सलाह किसी भी शेयर में पैसे लगा देना।
शेयर मार्केट में भेड़चाल निवेश के दो बड़े नुकसान हैं, जो निम्न प्रकार से हैं
- पहला बड़ा नुकसान तो ये कि दूसरों की देखादेखी निवेश करने से ज्यादातर केस में नुकसान ही होता है। और अगर किस्मत से एक दो बार मुनाफा हो भी गया तो भी कोई फायदा नहीं, क्योंकि
- इससे आप शेयर मार्केट के गणित को कभी सीख ही नहीं पायेंगे जिससे आपको हर बार निवेश करने के लिए दूसरों की सलाह पर आश्रित रहना पड़ेगा। और दूसरों की सलाह हर बार सही साबित हो ऐसा बिल्कुल भी संभव नहीं है
अतः खुद से बिना रिसर्च किये सिर्फ दूसरों की देखादेखी शेयर मार्केट में निवेश बिल्कुल ना करें चाहें नुकसान ही क्यों ना हो जाये। क्योंकि खुद से निवेश करने पर यदि नुकसान भी होता है तो आपको यह मालूम रहेगा कि वह नुकसान किस कारण से हुआ है। जिससे आप फ्यूचर में उस गलती को पुनः दोहराने से बच जाएंगे और फिर धीरे धीरे पारंगत होते जाएंगे
3. कंपनी के बिजनेस का गणित
शेयर मार्केट में ‘कंपनी के बिजनेस का गणित’ से मतलब है, आप जिस कंपनी में निवेश करना चाहते हैं उसके बिजनेस के बारे में संपूर्ण जानकारी जुटाना और फिर उसमें निवेश करना। इसे वैल्यू इन्वेस्टिंग भी कहा जाता है
शेयर मार्केट का गणित कहता है कि आपको किसी भी कंपनी में निवेश करने से पहले उसमें निम्नलिखित बातें जरूर देखनी चाहिए
- कंपनी जो प्रोडक्ट्स/सर्विसेज बेचती है उनकी करेंट मार्केट में अच्छी खासी डिमांड होनी चाहिए
- प्रोडक्ट्स/सर्विसेज की डिमांड के बारे में यह सुनिश्चित करें कि वह डिमांड आगे आने वाले वर्षों में भी बनी रहनी चाहिए या और भी ज्यादा बढ़नी चाहिए
- कंपनी कर्जमुक्त होनी चाहिए या कर्ज कम से कम होना चाहिए
- यह सुनिश्चित करें कि कंपनी पिछले वर्षों से लगातार मुनाफा कमा रही है, भले वह थोड़ा ही हो
- कंपनी और उसके प्रबंधकों पर धोखाधड़ी, घोटाले या हेरफेर का कोई कोर्ट केस नहीं होना चाहिए
- यह बात और भी अच्छी होगी यदि कंपनी किसी ऐसी तकनीक या प्रोजेक्ट पर काम कर रही हो जिसकी मांग भविष्य में बढ़ने वाली हो
यदि आप उपरोक्त सभी बातें देखकर किसी कंपनी में निवेश करते हैं तो आपके नुकसान की संभावना और जोखिम बहुत कम हो जाता है। और मुनाफे की संभावना बहुत अधिक हो जाती है। इस विषय पर हमनें एक विस्तृत लेख पहले से ही लिखा हुआ है, जिसे आपको जरूर पढ़ना चाहिए
शेयर मार्केट में 100% मुनाफे के लिए किस कंपनी के शेयर खरीदे?
4. पोर्टफोलियो डायवर्सिफिकेशन का गणित
पोर्टफोलियो डायवर्सिफिकेशन यानी निवेश का विविधीकरण करना। शेयर मार्केट का गणित इस सूत्र में यह इंगित करता है कि कोई भी एक कंपनी चाहे वह आपको कितनी भी अच्छी क्यों ना लगे उसमें अपना पूरा पैसा नहीं लगाना चाहिए, बल्कि अलग अलग 5 से 10 कंपनियों में लगाना चाहिए।
इससे आपका जोखिम और नुकसान होने की संभावना काफी कम हो जाती है क्योंकि यदि किसी कारणवश एक दो कंपनियां डूब भी जाती है या उनमें भारी नुकसान हो जाता है तो उनमें हुए नुकसान की भरपाई अन्य कंपनियों से हो जाती है
इसे आप अंग्रेजी की एक प्रसिद्ध कहावत don’t put all your eggs in one basket से बड़ी आसानी से समझ सकते हैं। यदि आपके पास 100 अंडे हैं जिन्हें एक ही टोकरी में रख देते हैं और किसी कारणवश वह टोकरी गिर जाती है तो आपके सारे अंडे टूट जायेंगे। लेकिन यदि आप उन्हें 8-8 या 10-10 करके अलग अलग टोकरियों में रखते हैं और एक दो टोकरी टूट भी जाती है तो भी आपको ज्यादा नुकसान नहीं होगा
5. गिरावट में खरीद का गणित
जब शेयर बाजार में गिरावट लगातार जारी हो यानी bearish market का ट्रेंड हो और सब लोग नुकसान के डर से शेयर बेच रहे हो तो आपको निडर हो जाना चाहिए और शेयर खरीद लेने चाहिए। क्योंकि यही वह स्वर्णिम समय है जब आपको अच्छी और मजबूत कंपनियों के शेयर डिस्काउंटेड रेट पर मिल रहे होते हैं
और इस खरीदारी में आपको इस बात का विशेष ध्यान रखना है कि अपने सारे पैसे एक साथ नहीं लगाने हैं क्योंकि मार्केट और कितना नीचे जाएगा यह कोई भी नहीं जानता है। इसलिए हर 8 से 10% की गिरावट में किस्तों में खरीदे। ये किस्त आप अपने हिसाब से 3 या इससे ज्यादा भी बना सकते हैं। बस इस बात का ध्यान रखें हर बड़ी गिरावट में खरीद के लिए पैसे बचे होने चाहिए
उदाहरण के लिए आपके पास 1 लाख रुपए हैं और Nifty 18,000 है। अब इसमें 8-10% यानी लगभग 1500 अंक की गिरावट आती है (Nifty 16500) हो जाता है तो आपको पहली किस्त यानी 33,000 रुपए की खरीद करनी है। फिर और 8 से 10% की गिरावट होने (निफ़्टी 15,000 के पास आने) पर अगले 33,000 की खरीद करनी है। फिर अगली गिरावट में तीसरी खरीद करनी है
और जैसा कि हम सभी जानते हैं चढ़ना गिरना तो मार्केट का स्वभाव है अतः जब भी कभी मार्केट फिर से ATH (ऑल टाइम हाई) जाएगा। तो आपको जबरदस्त मुनाफा होगा
6. लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट का गणित
शेयर मार्केट को लेकर बाजार में हर दिन और महीने कई प्रकार की खबरे आती रहती हैं जैसे किसी कंपनी को कोई नई डील या कांट्रेक्ट मिलना, डील कैंसिल होना, क्वार्टरली रिजल्ट में मुनाफा या नुकसान की खबर, महंगाई और आयात-निर्यात को लेकर सरकार की नई नीति/घोषणा आदि। अल्प समयावधि में ये सभी न्यूज़ शेयर मार्केट को सीधे तौर पर प्रभावित करती हैं जिससे कंपनियों के शेयर प्राइस भी कम ज्यादा होते रहते हैं
कहने का मतलब है उपरोक्त कारणों से अल्प समयावधि में किसी कंपनी का शेयर प्राइस उसकी ग्रोथ को फॉलो ना करे। लेकिन लंबी समयावधि में प्रत्येक कंपनी का शेयर प्राइस उसकी ग्रोथ फॉलो जरूर करता है। अतः शेयर मार्केट में अच्छे मुनाफे के लिए लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट करना चाहिए
[टॉप 20] Share market books जो शेयर मार्केट का पूरा गणित सिखा देंगी?
7. ATH’s पर बिकवाली का गणित
देखिए शेयर मार्केट में shares को सस्ते भाव पर खरीदना जितना महत्वपूर्ण होता है ठीक उतना ही महत्वपूर्ण उन्हें महंगे यानी उचित भाव पर बेचना भी होता है। क्योंकि अक्सर कई सारे लोगों के साथ ऐसा भी होता है कि वे शेयर को सस्ते भाव पर खरीद तो लेते हैं और प्राइस भी अच्छा खासा बढ़ जाता है। लेकिन उनके प्राइस के और ज्यादा और ज्यादा बढ़ने की आस में उचित भाव पर बेच नहीं पाते हैं। और प्राइस परिणामतः फिर से कम हो जाता है
शेयर मार्केट का गणित इस सूत्र में इसी बात को इंगित करता है कि जब शेयर बाजार आये दिन नए नए ATH (All time high) बना रहा हो। और जब लोग मार्केट के और ज्यादा और ज्यादा बढ़ने की आस में लालची हो जाये तो आपको डर जाना चाहिए यानी अपने शेयर बेच देने चाहिए
8. PE Ratio & EPS का गणित
किसी शेयर में लगाये गए पैसे जितने वर्ष बाद दुगुने हो जाते हैं उसे उस शेयर का पीई रेश्यो कहा जाता है। इसे कंपनी के शेयर प्राइस में EPS (Earning per share) से विभाजित करके प्राप्त किया जाता है
PE Ratio = Share Price/EPS
जैसे यदि किसी कंपनी का शेयर प्राइस 50 रुपए है और EPS 10 रुपए है तो pe ratio 5 होगा यानी इस शेयर में लगाया पैसा 5 वर्ष में डबल हो जाएगा। इसे moneycontrol वेबसाइट पर आप आसानी से देख सकते हैं moneycontrol
Pe Ratio से अच्छे शेयर कैसे पहचाने?
9. निवेश और ट्रेडिंग का गणित
शेयर मार्केट में निवेश और ट्रेडिंग दो अलग अलग चैप्टर हैं, यदि आप शेयर मार्केट में कोई भी शेयर खरीदते हैं तो आप उन्हें कुछ सेकंड से लेकर कई वर्षों तक (जब तक चाहे) अपने पास होल्ड रख सकते हैं। इस आधार पर निवेश व ट्रेडिंग को निम्न प्रकार से परिभाषित किया जाता है
ट्रेडिंग
जब आप कुछ शेयर खरीदते हैं और उन्हें कुछ सेकंड से लेकर एक वर्ष से कम अवधि में बेच देते हैं तो उसे ट्रेडिंग कहा जाता है
- इंट्राडे (day trading) : जब आप कुछ शेयर खरीदते हैं और उन्हें उसी दिन बेच देते हैं तो यह इंट्राडे या डे ट्रेडिंग कहलाता है
- Swing trading : जब आप कुछ शेयर खरीदते हैं और उन्हें कुछ दिन या कुछ महीनों तक रखते हैं लेकिन 1 वर्ष से कम अवधि में बेच देते हैं तो इसे स्विंग ट्रेडिंग कहा जाता है
- F&O ट्रेडिंग : इसमें स्टॉक, निफ़्टी और बैंक निफ्टी के कॉल और पुट में ट्रेडिंग की जाती है। इसे फ्यूचर & ऑप्शन ट्रेडिंग के नाम से जाना है
Call और Put क्या होता है? इनसे पैसे कैसे कमाए
स्विंग ट्रेडिंग से पैसे कैसे कमाए?
इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए शेयर का चुनाव कैसे करें?
निवेश
शेयर मार्केट में जब कुछ शेयर खरीदते हैं और उन्हें कम से कम 1 वर्ष या इससे ज्यादा समय बाद बेचते हैं, तो इसे निवेश कहा जाता है
निवेश और ट्रेडिंग दोनों अलग अलग मकसद से की जाती हैं जहां ट्रेडिंग में ट्रेडर अल्प समयावधि में शेयर्स के प्राइस मूवमेंट को समझकर कुछ % मुनाफा बनाते हैं। वहीं निवेश में शेयर/कंपनी के फंडामेंटल और बिजनेस को समझकर लंबे समय के लिए बड़े मुनाफे के लिए निवेश किया जाता है। यानी ट्रेडिंग व निवेश में अलग अलग साइक्लोजी और अलग अलग माइंड सेट से पैसा लगाया जाता है
शेयर मार्केट का गणित इस सूत्र में यह निर्देश देता है कि यदि आप शेयर मार्केट में निवेश और ट्रेडिंग दोनों करते हैं तो आपको अपना निवेश अकाउंट को ट्रेडिंग अकाउंट से अलग ही रखना चाहिए।
- क्योंकि हो सकता है कि किसी दिन आपको ट्रेडिंग में भारी नुकसान हो जाये और उसकी भरपाई निवेश वाले शेयर्स को बेचकर करे और फिर वह बड़ा नुकसान हो जाये
- या फिर हो सकता है थोड़े समय के लिए कुछ मुनाफा हो भी जाये लेकिन इससे आप निवेश वाले पैसे से भी ट्रेडिंग करना शुरू देंगे और फिर आप सिर्फ कुछ % मुनाफे के लिए निवेश से मिलने वाले बड़े मुनाफे से वंचित रह जाएंगे।
10. अफवाह और न्यूज़ का गणित
शेयर बाजार में अक्सर आपने देखा होगा कि जब किसी बड़ी कंपनी द्वारा किसी छोटी कंपनी को खरीदने, कोई नया कांट्रैक्ट मिलने या कोई डील होने जैसी बात चलती है तो उसका शेयर प्राइस बढ़ने लगता है। और उसमें थोड़े समय समयांतराल में ही अच्छा खासा मूवमेंट देखने को मिलता है। और जब उसकी ऑफिसियल न्यूज़ आती है तो आमतौर पर उसका शेयर प्राइस गिर जाता है या बहुत कम बढ़ता है और फिर गिरने लगता है
बड़े और मंजे हुए निवेशक इसका बखूबी फायदा उठाते हैं इसे शेयर मार्केट में buy the roumer sell the news कहा जाता है। अतः शेयर मार्केट गणित के अनुसार जब किसी कंपनी के बारे में कोई अच्छी खबर आने की बात या अफवाह चले तो उसके शेयर खरीद लेने चाहिए और जब उसकी ऑफिसियल न्यूज़ आ जाये तो उसके शेयर बेचकर मुनाफा बुक कर लें
11. मल्टीबेगर & पेनी स्टॉक्स का गणित
पेनी स्टॉक्स
ऐसे स्टॉक्स जिनका शेयर प्राइस 30 40 रुपए से कम होता है और कंपनी का मार्केट कैप 100 करोड़ रुपए तक होता है उन्हें पेनी स्टॉक्स कहा जाता है। ऐसी कंपनियां स्टार्टअप के शुरुआती चरण में होती हैं जिससे इनमें ग्रोथ की संभावना काफी ज्यादा है। लेकिन साथ ही स्टार्टअप के फैल होने की संभावना भी होती है जिस कारण जोखिम भी ज्यादा होता है
मल्टीबेगर स्टॉक्स
ऐसे स्टॉक्स जो कुछ ही वर्षों में कई गुना बढ़ जाते हैं मल्टीबेगर स्टॉक्स कहलाते हैं। ऐसे स्टॉक्स में लगाया पैसा कुछ ही वर्षों में 4 5 10 20 और इससे भी ज्यादा गुना हो जाता है। यानी मल्टीबेगर स्टॉक्स निवेशकों को मालामाल बना देते हैं
आमतौर पर सभी मल्टीबेगर स्टॉक्स शुरुआत में पेनी स्टॉक्स ही होते हैं। और जैसा कि हमने अभी बताया कि पेनी स्टॉक्स में जोखिम ज्यादा होता है, लेकिन इनमें मुनाफे की संभावना भी काफी ज्यादा होती है। अतः इस मामले में शेयर मार्केट का गणित के अनुसार एक निवेशक को रिसर्च करके अपने पोर्टफोलियो में 10 से 15% जगह पेनी स्टॉक्स को भी दी जानी चाहिए
शेयर मार्केट गणित का टिप्स
यदि हम शेयर मार्केट में नौसिखियों के लिए टिप्स की बात करे तो उन्हें निम्नलिखित शेयर मार्केट टिप्स को आवश्यक रूप से फॉलो करना चाहिए। यदि कोई भी व्यक्ति इन टिप्स को ध्यान में रखकर शेयर बाजार में पैसा लगाता है तो उसके नुकसान की संभावना बहुत कम और मुनाफे की संभावना काफी ज्यादा बढ़ जाती है
- दूसरों की देखादेखी पैसे ना लगाएं
- पूरे पैसे एक साथ ना लगाए
- शुरुआत में कम पैसे लगाए
- लम्बी अवधि के लिए निवेश करें
- निवेश से पहले रिसर्च करें
- स्विंग ट्रेडिंग को समझे
- अफवाह पर खरीदे न्यूज़ आने पर बेच दें
- इंट्राडे, ऑप्शन & फ्यूचर ट्रेडिंग से दूर रहें
- बड़ी और लगातार गिरावट में जब सब लोग नुकसान से डरे हो और अपने शेयर बेच रहे हो तो शेयर खरीदे
- जब मार्केट आये दिन नए नए ATH (ऑल टाइम हाई) बना रहा हो व लोग और ज्यादा और ज्यादा मुनाफे के लिए लालची हो जाये तो शेयर बेच दें
- सारे पैसे एक ही कंपनी में ना लगाएं बल्कि अलग अलग 5 से 10 या ज्यादा कंपनियों में लगाएं
FAQ’s : share market ka ganit
आमतौर पर शेयर मार्केट का गणित के बारे में लोगों द्वारा पूछे जाने वाले प्रमुख सवाल और उनके जवाब निम्न प्रकार से हैं
Q.1 कैश डिविडेंड क्या होता है?
जब कोई कंपनी अपने बिजनेस में मुनाफा कमाती है तो वह उस मुनाफे का कुछ भाग अपने शेयरधारकों में प्रति शेयर के हिसाब से कैश के रूप में बांट देती है, जिसे डिविडेंड कहा जाता है। डिविडेंड प्रदान करना किसी कंपनी के लिए अनिवार्य नहीं होता लेकिन यदि कोई कंपनी डिविडेंड देती है, तो यह उसकी मजबूती को प्रदर्शित करता है
डिविडेंड पाने के लिए शेयर कब खरीदे?
Q.2 बोनस शेयर क्या होता है?
जब कोई कंपनी लगातार मुनाफा अर्जित करती है और हर वर्ष मुनाफे का उपयोग करने के बाद कुछ रुपए बच जाते हैं तो उन्हें अतिरिक्त फंड (reserve fund) के रुप में रखा जाता है। जब यह रिज़र्व फंड काफी ज्यादा हो जाता है तो इससे कंपनी नए अतिरिक्त शेयर जारी करती है। जिन्हें शेयरधारकों को एक निश्चित अनुपात में इशू किया जाता है।
जैसे 1:1 1:2 1:5 आदि यहां 1:5 bonus issue का मतलब है शेयरधारक को प्रति 5 शेयर पर 1 फ्री शेयर मिलेगा। इस प्रकार प्राप्त शेयर को बोनस शेयर कहा जाता है
क्या बोनस शेयर सच में बोनस होता है?
Q.3 शेयर मार्केट में upper circuit & lower circuit क्या होता है?
जब किसी शेयर की डिमांड काफी होती है जिसे सभी खरीदना चाहते हैं लेकिन उसे कोई बेचने को तैयार नहीं होता है। यानी उसमें सिर्फ खरीदार होते हैं विक्रेता नहीं, तो इसे upper circuit कहा जाता है
और जब किसी कंपनी के बारे में कोई खराब न्यूज़ आ जाती है जिससे सभी लोग उसके शेयर को बेच देना चाहते हैं लेकिन कोई खरीदार नहीं मिलता है। यानी उसमें सिर्फ विक्रेता होते हैं कोई खरीदार नहीं होता, तो उसे lower circuit कहा जाता है
Q.4 निफ़्टी और सेंसेक्स क्या होता है?
भारत के शेयर मार्केट में NSE और BSE दो स्टॉक एक्सचेंज हैं जिनमें हजारों कंपनियां सूचीबद्ध हैं। NSE पर लिस्ट टॉप 50 कंपनियों को के इंडेक्स को Nifty कहा जाता है। क्योंकि निफ़्टी में 50 कंपनियां है अतः इसे Nifty 50 भी कहा जाता है। ठीक ऐसे ही BSE पर सूचीबद्ध टॉप 30 कंपनियों के इंडेक्स को सेंसेक्स कहा जाता है
Nifty & Sensex explained in hindi
निफ़्टी व शेयर बाजार के फायदे क्या हैं?
निष्कर्ष
शेयर मार्केट के बारे में ऐसा कहा जाता है कि यहां 95% लोग पैसा गंवा देते हैं और और 5% लोग ही पैसा बना पाते हैं। जो लोग पैसा गंवाते हैं उनमें से ज्यादातर लोग शेयर मार्केट को पैसा कमाने का एक शॉर्ट कट तरीका मानते हैं। और इससे रातोरात यानी कुछ ही समय में करोड़पति अरबपति बनना चाहते हैं। इसलिए ऐसी सोच वाले लोग अपना सारा पैसा गंवा देते हैं। और फिर शेयर मार्केट को जुआ, सट्टा कहते हैं गाली देते हैं
क्योंकि उन्हें शेयर मार्केट का गणित पता ही नहीं होता है इसीलिए हमने इस आर्टिकल में शेयर मार्केट गणित का ऐसे 11 सूत्र बताये हैं जिन्हें समझकर एक आम और कम पढ़ा लिखा व्यक्ति भी शेयर मार्केट से लाखों करोड़ों रुपए कमा सकता है। यदि आपको यह आर्टिकल पसंद आया तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करें
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मेरा नाम मनदीप कुमार है
मुझे बिजनेस और शेयर बाजार का कई वर्षों का अनुभव है और पैसे से पैसे बनाना मैंने बहुत गहराई और मेहनत से सीखा है जिसे मैं इस ब्लॉग में आपके साथ साझा करता हूं अतः पैसे की समझ के लिए हमारे ब्लॉग से जरूर जुड़े
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