शेयर मार्केट में पंप एंड डंप क्या होता है – आपने शेयर मार्केट में कई बार देखा होगा कि कुछ स्टॉक बस कुछ महीनों में ही कई गुना बढ़ जाते हैं और शेयर मार्केट पत्रिकाओं, न्यूज़ चैनल में खबर भी आती रहती है कि X शेयर ने मात्र 5 महीनों में दिया 20 गुना रिटर्न , Y शेयर ने 6 महीनों में दिया 30 गुना रिटर्न आदि आदि और फिर कुछ समय बाद ये शेयर फिर अपने उसी शुरुआती मूल्य पा आ जाते हैं
यह सब ऑपरेटर द्वारा एक सोचे समझे तरीकें से कृत्रिम रूप से किया जाता है जिससे वे खुद ऊंचे दाम पर अपने शेयर बेचकर शेयर से बाहर निकल जाते हैं और भारी मुनाफा कमा लेते हैं और भोले भाले छोटे निवेशक इसमें फंस जाते हैं वे फिर से शेयर का भाव बढ़ने का इंतजार करते हैं लेकिन शेयर भाव बढ़ता ही नहीं है
तो चलिए अब सीधे टॉपिक पर आते हैं और शेयर मार्केट में पंप एंड डंप क्या होता है पहले आपको इसकी परिभाषा बताते हैं फिर इसे एक कहानी के माध्यम से स्पष्ट करेंगे जिससे आप इसे बेहद आसानी से समझ जायेंगे
शेयर मार्केट में पंप एंड डंप क्या होता है ? What is Pump and dump in stocks
ऑपरेटर कृत्रिम रूप से किसी शेयर का मूल्य बहुत बढ़ा देते हैं इसके लिए वे बहुत कम प्राइस वाले शेयर का चुनाव करते हैं इस प्रकार शेयर का मूल्य बढ़ाने को पंप करना कहा जाता है और जब शेयर का मूल्य उनके सोचे समझे अनुसार काफी बढ़ जाता है तब वे बढ़े हुए ऊंचे भाव पर अपने शेयर बेचकर अपना प्रॉफिट बुक कर लेते हैं और खुद उस शेयर से बाहर हो जाते हैं इसे डंप करना कहा जाता है
आखिर ऑपरेटर कृत्रिम रूप से शेयर का मूल्य कैसे बढ़ा देते हैं और लोग इनके झांसे में कैसे आ जाते हैं चलिये इसे एक कहानी के माध्यम से समझते हैं
इस पोस्ट में शेयर मार्केट में Pump and dump kya hota hai और ऑपरेटर छोटे निवेशकों को कैसे लूटते हैं इसे एक कहानी के जरिये बता रहे हैं इसे टेक्निकल रूप से समझने के लिए आप ये पोस्ट पढ़ सकते हैं
शेयर मार्केट में ऑपरेटर क्या होते हैं ? वे छोटे निवेशकों को कैसे लूटते हैं
शेयर मार्केट में एक बंदर – Pump and dump explanation in stocks with a story
एक बार एक गांव में एक व्यापारी आता है और वह गांव वालों से कहता है कि वह बंदर खरीदने आया है वह एक बंदर के 100/- रुपये देने को तैयार है
इतना सुनकर गांव वाले बहुत खुश हो जाते हैं क्योंकि उस गांव के पास एक जंगल था जिसमें बहुत सारे बंदर थे सभी व्यक्ति जंगल जाते हैं और बंदर पकड़कर लाते हैं और उस व्यपारी को 100/- रुपये में बेच देते
अब तो जैसे गांव वालों का यह कमाई का एक जरिया बन गया वे रोज जंगल जाते बंदर पकड़ते और 100/- रुपये में उस व्यापारी को बेच देते लेकिन धीरे धीरे सारे बंदर खत्म हो गए और बड़ी मुश्किल से एक दो बंदर ही हाथ आता था और गांव वाालों ने व्यापारी को बंदर देना बंद कर दिया
पंप
लेकिन व्यापारी तो व्यापारी होता है अब उसने एक नई घोषणा कि एक बंदर के 100 के बजाय 200/- रुपये मिलेंगे
अब गांव वालों में फिर से खुशी की एक लहर दौड़ गई और अब वे जंगल मे और अंदर जाकर बंदर पकड़ने लगे और व्यापारी को पहले के बजाय दुगुने भाव 200/- रुपये में बंदर बेचने लगे
लेकिन कुछ समय बाद फिर से बंदर मिलना बहुत कम हो गए और गांव वालों ने व्यपारी को बंदर देना बंद कर दिया
अब व्यापारी ने फिर से एक नई घोषणा करी कि देखिये बंदरों की बहुत डिमांड है अतः आप और बन्दर पकड़कर लाइए और अब आपको एक बंदर के बदले 500/- रुपये दिए जाएंगे
गांव वाले फिर से खुश हो गए वे जंगल में और अंदर जाने लगे और कैसे भी करके बंदर पकड़ लेते और व्यपारी को पहले के बजाय 5 गुना भाव पर बंदर देकर बहुत खुश होते लेकिन यह सब ज्यादा दिन तक नहीं चला और बंदर फिर से कम हो गए
व्यापारी फिर से घोषणा करता है कि देखिये बंदरों की बहुत डिमांड है अतः आप और बन्दर पकड़कर लाइए और अब आपको एक बंदर के बदले 1000/- रुपये दिए जाएंगे गांव वालों को जैसे सोने की मुर्गी हाथ लग थी वे अब कैसे भी करके बंदर पकड़ते और पहले के बजाय 10 गुना भाव 1000/- रुपये पर व्यापारी को बेचकर बहुत खुश थे लेकिन बंदरों की फिर से कमी आ गई
डंप
अब व्यापारी अपना दिमाग इस्तेमाल करता है और वह एक योजना अनुसार खुद उस गांव से दूर चला जाता है और अपने एक व्यक्ति को कुछ समझा कर उन बंदरो की देखभाल के लिए छोड़ जाता है जो उसने खरीद कर इक्कट्ठे किये हुए थे
अब तक अधिकतर बंदर खत्म हो चुके थे और गांव वालों को ज्यादा से ज्यादा पैसा कमाने की आदत पड़ गई थी वे तो बस कैसे भी करके पैसे कमाना चाहते थे
तब वह व्यक्ति जिसे व्यापारी अपने असिस्टेंट के रूप में छोड़ के गया था वह चुपके से कुछ गांव वालों से मिलता है और उन्हें कहता है कि देखिए हमारा सेठ तो किसी जरूरी काम से दूसरी जगह गया है क्योंकि बन्दरों की डिमांड बहुत ज्यादा है और वे 10 दिन बाद आएंगे
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लेकिन आप चाहें तो मेरे से ये बंदर खरीद सकते हैं मैं आपको एक बंदर सिर्फ 500/- रुपये में दे दूंगा और हमारा सेठ आये तब आप उसे 1000/- रुपये में बेच देना इतना सुनते ही उन लोगों ने वे सारे बंदर खरीद लिए और बहुत खुश हो गए कि जैसे ही व्यापारी आएगा उसे 1000/- में बेचकर प्रति एक बंदर दुगुना मुनाफा कमा लेंगे
वे गांव वाले दस दिन तक उस व्यापारी का इन्तजार करते हैं क्योंकि वह दस दिन का लेकर गया था लेकिन वह नहीं आता है वे कुछ दिन और इन्तजार करते हैं लेकिन व्यापारी फिर भी नहीं आया
आखिरकार गांव वाले समझ जाते हैं कि उन्हें मूर्ख बनाया गया है और उनका नुकसान हो गया है
अब आप भी अच्छे से समझ गए होंगे कि कि उस व्यापारी ने किस प्रकार बेहद सस्ते में बंदर खरीद कर बड़ी आसानी से गांव वालों को बहुत ऊंचे भाव पर बेच दिए शेयर मार्केट में भी स्टॉक का पंप एंड डंप इसी प्रकार होता है
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मेरा नाम मनदीप कुमार है
मुझे बिजनेस और शेयर बाजार का कई वर्षों का अनुभव है और पैसे से पैसे बनाना मैंने बहुत गहराई और मेहनत से सीखा है जिसे मैं इस ब्लॉग में आपके साथ साझा करता हूं अतः पैसे की समझ के लिए हमारे ब्लॉग से जरूर जुड़े