[Top 20] Types of mutual funds in hindi | म्यूचुअल फंड कितने प्रकार के होते हैं

किसी भी म्यूचुअल फंड में निवेश करने से पहले आपको म्यूचुअल फंड के प्रकार Types of mutual in hindi के बारे में अच्छे से पता होना चाहिए क्योंकि अलग अलग म्यूचुअल फंड अपने प्रकार के हिसाब से अलग अलग जगह निवेश करते हैं

जो म्यूचुअल फंड इक्विटी यानी शेयर मार्केट में निवेश करते हैं उनमें जोखिम ज्यादा होता है इसलिए रिटर्न भी ज्यादा मिलता है और जो म्यूचुअल फंड गवर्मेंट सिक्युरिटीज, बॉन्ड, गोल्ड, ट्रेजरी बिल और डिबेंचर जैसे इंस्ट्रूमेंट में निवेश करते हैं उनमें रिस्क कम होता है लेकिन रिटर्न भी कम मिलता है

तो चलिए आज ये सब विस्तार से जानते हैं कि म्यूचुअल फंड कितने प्रकार के होते हैं ? How many types of mutual funds in hindi तभी आप अपने जोखिम, मुनाफे और लक्ष्य को ध्यान में रखकर  म्यूचुअल फंड में अच्छे से निवेश कर सकते हैं

Types of mutual funds in hindi

आर्टिकल की रूपरेखा

म्यूचुअल फंड कितने प्रकार के होते हैं ? 20 Types of mutual funds in hindi

एसेट क्लास, संरचना, प्लान टाइप, जोखिम और रिटर्न के अनुसार म्यूचुअल फंड कितने प्रकार के होते हैं ये सब एक एक करके विस्तार से बता रहे हैं पूरा आर्टिकल ध्यान से पढ़े

A) एसेट क्लास में निवेश के आधार पर म्यूचुअल फंड के प्रकार

म्यूचुअल किस प्रकार के फंड में निवेश करते हैं इस आधार पर म्यूचुअल फंड प्रमुख रूप से 3 प्रकार के होते हैं

  1. इक्विटी म्यूचुअल फंड
  2. डेब्ट म्यूचुअल फंड
  3. हाइब्रिड म्यूचुअल फंड

चलिए अब इन्हें एक एक करके डिटेल से समझते हैं

इक्विटी म्यूचुअल फंड

इक्विटी म्यूचुअल फंड ऐसे म्यूचुअल फंड होते हैं जो पैसे को इक्विटी यानी शेयर मार्केट में निवेश करते हैं इक्विटी म्यूचुअल फंड के प्रकार प्रमुख रूप से निम्न प्रकार से हैं

1. लार्ज कैप

लार्ज कैप म्यूचुअल फंड शेयर मार्केट में ऐसी कंपनियों में पैसा लगाते हैं जो मार्केट कैप के हिसाब से बहुत बड़ी होती हैं और अपने क्षेत्र की मार्केट लीडर होती हैं ऐसी कंपनियां पहले से ही काफी ग्रोथ कर चुकी होती हैं और लगभग स्टेबल होती हैं जिससे इनमें जोखिम की संभावना बहुत कम होती है इसलिए रिटर्न भी कम मिलता है जैसे Nippon india Large Cap Fund Direct-Growth एक लार्ज कैप म्यूचुअल फंड है

ऐसी कंपनियां जिनका मार्केट कैप 1 लाख करोड़ या इससे ज्यादा होता है उन्हें लार्ज कैप कंपनी कहा जाता है जैसे रिलायंस, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, एचडीएफसी, बजाज फिनजर्व आदि

2. मिड कैप

ऐसे म्यूचुअल फंड शेयर मार्केट की मिड कैप कंपनियों में पैसा लगाते हैं वे कंपनी जिनका मार्केट कैप 5000 करोड़ से ज्यादा लेकिन 1 लाख करोड़ से कम होता है मिड कैप कंपनी कहलाती हैं ऐसी कंपनियों में ग्रोथ के ज्यादा आसार होते हैं इसलिए रिटर्न ज्यादा मिलता है लेकिन साथ में रिस्क भी समाहित होता है

जैसे UTI Mid Cap Fund Direct-Growth एक मिड कैप म्यूचुअल फंड है

3. स्माल कैप

ऐसे म्यूचुअल फंड शेयर मार्केट की स्माल कैप कंपनियों में  पैसा लगाते हैं जिनका मार्केट कैप 5000 करोड़ से कम होता है ये कंपनियां ग्रोथ के आरंभिक चरण में होती हैं जिससे ग्रोथ के काफी ज्यादा होते हैं इसलिए ऐसे म्यूचुअल फंड में रिटर्न भी ज्यादा मिलता है लेकिन कंपनी फैल होने के भी आसार होते हैं इसलिए जोखिम भी ज्यादा होता है

जैसे Axis Small Cap Fund Direct-Growth एक स्माल कैप म्यूचुअल फंड है

4. मल्टी कैप

ऐसे म्यूचुअल फंड शेयर मार्केट में लार्ज कैप, मिड कैप और स्माल कैप तीनों प्रकार की कंपनियों में पैसा लगाते हैं जिससे लार्ज कैप में लगाया पैसा जोखिम को कम करता है और मूलधन को सुरक्षा प्रदान करता है तथा मिड कैप और स्माल कैप कंपनियों में लगाया पैसा रिटर्न को बढ़ाने में मदद करता है

जैसे Edelweiss Large and Mid Cap Direct Plan-Growth एक मल्टी कैप म्यूचुअल फंड है

5. सेक्टर

ऐसे म्यूचुअल फंड शेयर मार्केट में किसी सेक्टर विशेष जैसे फार्मा, टेक्नोलॉजी, ऑटोमोबाइल, एफएमसीजी  की कंपनियों में पैसा लगाते हैं जैसे ICICI Prudential Pharma Healthcare and Diagnostic (P.H.D) Fund Direct-Growth एक सेक्टर म्यूचुअल फंड है जो सिर्फ फार्मा सेक्टर की कंपनियों में पैसा निवेश करता है

6. इंडेक्स

इंडेक्स म्यूचुअल फंड शेयर मार्केट में सेंसेक्स और निफ्टी इंडेक्स में पैसा लगाते हैं इसलिए जिस अनुपात में ये इंडेक्स ग्रोथ करते हैं उसी अनुपात में इनमे रिटर्न मिलता है जैसे Kotak Nifty 50 Index Fund Direct-Growth एक इंडेक्स म्यूचुअल फंड है जो निफ्टी की इंडेक्स में पैसा निवेश करता है

7.  ELSS

ऐसे म्यूचुअल फंड Equity Linked Saving Scheme होते हैं जैसा कि इसके नाम से स्पष्ट है अतः यदि आप म्यूचुअल फंड निवेश से कमाए पैसे पर इनकम टैक्स की छूट प्राप्त करना चाहते हैं तो आप इन म्यूचुअल फंड्स में निवेश कर सकते हैं और इनकम टैक्स की धारा 80C के अंतर्गत इस प्रकार के म्यूचुअल फंड की कमाई पर आपको 1 लाख 50 हजार रुपये तक कि छूट प्राप्त होती है

लेकिन ऐसे म्यूचुअल फंड में कम से कम 3 वर्ष के लिए निवेश करना होता है इससे कम अवधि के लिए इनमें निवेश नहीं किया जा सकता है जैसे Mahindra Manulife ELSS  Kar Bachat Yojna Direct-Growth एक इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम यानी ELSS म्यूचुअल फंड है

डेब्ट म्यूचुअल फंड

सरकार और कंपनियां बांड, सिक्योरिटीज ऑफ डिपॉजिट और डिबेंचर जैसे इंस्ट्रूमेंट के जरिए निवेशकों से पैसे उधार लेते हैं और बदले में उन्हें एक निश्चित दर से ब्याज प्रदान करते हैं अतः ऐसे म्यूचुअल फंड जो इन इंस्ट्रूमेंट में पैसे लगाते हैं उन्हें डेब्ट म्यूचुअल कहा जाता है

डेब्ट म्यूचुअल फंड फिक्स्ड डिपॉजिट से बेहतर रिटर्न देते हैं जहाँ एफडी में आपको 5 से 6 % तक रिटर्न मिलता है वही डेब्ट म्यूचुअल फंड में 8 से 10 % तक का रिटर्न आराम से मिल जाता है, डेब्ट म्यूचुअल फंड के प्रकार प्रमुख रूप से निम्न हैंं

1. गिल्ट फंड्स

ऐसे म्यूचुअल फंड सिर्फ गवर्मेंट सिक्योरिटीज में पैसे लगाते हैं जिससे इनके डिफॉल्ट होने का चांस ना के बराबर होता है क्योंकि ऐसी सिक्योरिटीज सरकार खुद जारी करती है इसलिए आपका पैसा लगभग पूरी तरह से सुरक्षित रहता है और 8 से 10% तक का फिक्स रिटर्न आराम से मिल जाता है ऐसे म्यूचुअल फंड शार्ट टर्म और लांग टर्म दोनों प्रकार के होते हैं

2. जंक बांड फंड्स

ऐसे म्यूचुअल फंड Junk Bond Schemes में निवेश करते हैं जिससे इनके डिफॉल्ट होने के चांसेज ज्यादा होते हैं लेकिन ब्याज दर काफी ज्यादा होती है जिससे रिटर्न भी ज्यादा मिलता है

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3. फिक्स्ड मैच्यूरिटी प्लान

ऐसे म्यूचुअल फंड कारपोरेट बांड, कमर्शियल पेपर और सर्टिफिकेट ऑफ डिपॉजिट जैसे स्कीम में निवेश करते हैं और इनमें बैंक के फिक्स्ड डिपॉजिट की तरह एक निश्चित समय के लिए 3 से 5 वर्ष का Maturity plan होता है लेकिन ऐसे फंड में बैंक एफडी से ज्यादा रिटर्न मिलता है

4. लिक्विड फंड

लिक्विड फंड, ऐसे म्यूचुअल फंड होते हैं जो ऐसे डेब्ट इंस्ट्रूमेंट में निवेश करते हैं जिनका मैच्यूरिटी टाइम पीरियड 91 दिन से कम होता है लिक्विड फंड में रिस्क बहुत कम होता है और ये बैंक के सेविंग अकाउंट के बजाय बेहतर रिटर्न देते हैं

हाइब्रिड म्यूचुअल फंड

ऐसे म्यूचुअल फंड जो एक से ज्यादा एसेट में निवेश करते हैं हाइब्रिड म्यूचुअल फंड कहलाते हैं ऐसे फंड शेयर मार्केट और डेब्ट इंस्ट्रूमेंट दोनों जगह पैसा निवेश करते हैं हाइब्रिड म्यूचुअल फंड के प्रकार प्रमुख रूप से निम्न हैं

  1. Monthly Income Plan
  2. Balanced fund
  3. Arbitrage fund

1. मंथली इनकम प्लान फंड

जैसा कि इसके नाम से स्पष्ट है कि ऐसे म्यूचुअल फंड मंथली इनकम जनरेट करने के उद्देश्य से 60 से 90 % पैसा डेब्ट इंस्ट्रूमेंट में निवेश करते हैं और बाकी पैसा इक्विटी मार्केट में लगाते हैं क्योंकि ऐसे म्यूचुअल फंड ज्यादातर पैसा डेब्ट इंस्ट्रूमेंट में निवेश करते हैं इसलिए इनमें रिस्क बहुत कम होता है लेकिन कुछ पैसा शेयर मार्केट में भी लगा होता है, इसलिए थोड़ा रिस्क बना रहता है

2. बैलेंस्ड फंड

जैसा कि म्यूचुअल फंड के प्रकार के इस नाम से लगता है कि ऐसे म्यूचुअल फंड 50 – 50%  इक्विटी और डेब्ट इंस्ट्रूमेंट में लगाते होंगे लेकिन ऐसा नहीं है क्योंकि बैलेंस्ड फंड इक्विटी में डेब्ट इंस्ट्रूमेंट के बजाय ज्यादा पैसा लगाते हैं क्योंकि इक्विटी मार्केट में लगा पैसा ज्यादा रिटर्न लाने में मदद करता है और डेब्ट इंस्ट्रूमेंट में लगा पैसा जोखिम को कम करता है

3. आर्बिट्रेज फंड

जब इक्विटी और डेब्ट इंस्ट्रूमेंट के कैश और फ्यूचर प्राइस में अंतर होता है तो आर्बिट्रेज म्यूचुअल फंड इस अंतर का फायदा उठाते हैं और ये अपना फंड इस हिसाब से मैनेज करते हैं कि ज्यादा से ज्यादा रिटर्न प्राप्त किया जा सके

B) प्लान और कमीशन फीस के आधार पर म्यूचुअल फंड के प्रकार

देखिए म्यूचुअल फंड में पैसे मैनेज करने वाली कंपनियों को AMC यानी एसेट मैनेजमेंट कंपनी कहा जाता है जो आपके पैसे को ठीक जगह पर निवेश करने के लिए बड़े बड़े ऑफिस, उच्च गुणवत्ता वाले कंप्यूटर सॉफ्टवेयर और प्रोफेशनल फंड मैनेजर हायर करके रखती हैं जिनका काम ही आपके पैसे को ऐसी जगह लगाना होता है जिससे कम से कम समय में ज्यादा से ज्यादा ज्यादा फायदा कमाया जा सके, अतः इसके बदले में वे आपसे कमीशन के रूप में कुछ चार्जेज वसूल करती हैं

तो चलिए अब सबसे पहले म्यूचुअल फण्ड में निवेश करने की कमीशन फीस के आधार पर चर्चा करते हैं जो कि निवेशकों के लिए सबसे महत्वपूर्ण होता है, इस आधार पर म्यूचुअल फंड्स दो प्रकार के होते हैं

1. डायरेक्ट फंड (Direct plan)

डायरेक्ट म्यूचुअल फंड्स को ग्रोथ म्यूचुअल फंड भी कहा जाता है म्यूचुअल फंड के इस प्रकार में एसेट मैनेजमेंट कंपनी और निवेशक के बीच सीधा संपर्क होता है, बीच में कोई इंटरमीडिएट/ बिचौलिया नहीं होता जिससे आपको कमीशन के रूप में कोई अतिरिक्त फीस नहीं देनी पड़ती जिससे आपको कम से कम 1% ज्यादा मुनाफा प्राप्त होता है

यह एक फीसदी अमाउंट थोड़े समयांतराल में शायद आपको ज्यादा ना लगे लेकिन कई वर्षों के लंबे समय अंतराल में इससे आपके कुल निवेश पर कई लाख रुपये का अंतर पड़ता है, इसलिए म्यूचुअल फंड में निवेश के समय आपको इस बात का खास ध्यान रखना चाहिए कि आप जिसमें निवेश कर रहे हैं वह डायरेक्ट म्यूचुअल फंड हो

2. रेगुलर फंड (Extra fees)

रेगुलर म्यूचुअल फंड्स में एसेट मैनेजमेंट कंपनी और निवेशक के बीच इंटरमीडिएट के रूप में कोई कंपनी या संस्था होती है जो आपसे कमीशन के रूप में 1% तक अतिरिक्त चार्ज वसूल करती हैं ऐसे म्यूचुअल फंड ज्यादातर बैंक और संस्थाओं द्वारा निजी रूप से रिकमंड किये जाते हैं ताकि उन्हें कमीशन के रूप में अतिरिक्त मुनाफा होता रहें

देखिए एक ही म्यूचुअल फंड डायरेक्ट और रेगुलर किसी भी प्रकार का हो सकता है अतः इसकी पहचान करने के लिए कि वह म्यूचुअल डायरेक्ट है या फिर रेगुलर है आपको उसके नाम में Direct-Growth लिखा हुआ देखना होता है यदि उसके नाम में डायरेक्ट या ग्रोथ लिखा है तो वह डायरेक्ट म्यूचुअल फंड होता है अन्यथा रेगुलर होता है जैसे Parag Parikh Liquid Fund Direct-Growth एक डायरेक्ट म्यूचुअल फंड है

C) संरचना और मैच्यूरिटी के आधार पर म्यूचुअल फंड के प्रकार

खरीदने और बेचने के समय यानी एंट्री लेने और एग्जिट होने के आधार पर म्यूचुअल फंड प्रमुख रूप से दो प्रकार के होते हैं

1. Open ended

ऐसे म्यूचुअल फंड जिन्हें किसी भी समय खरीद सकते हैं और किसी भी समय बेच सकते हैं ओपन एंडेड म्यूचुअल फंड कहलाते हैं, ज्यादातर म्यूचुअल फंड इसी प्रकार के होते हैं

2. Close ended

ऐसे म्यूचुअल फंड को आप जब चाहे तब ना तो खरीद सकते हैं और ना ही किसी भी समय खुद की मर्जी से बेच सकते हैं क्योंकि ऐसे म्यूचुअल फंड NFO न्यू फंड ऑफर के जरिए फंड यूनिट अलॉट करते हैं तभी आप इन्हें खरीद सकते हैं और इनकी कम से कम 3 से 5 वर्ष की मैच्यूरिटी होती है तभी आप इन्हें बेच सकते हैं

D) विशेष प्रकार के म्यूचुअल फंड

अभी तक जितने भी म्यूचुअल फंड के बारे में बताया है इन सब के अलावा भी म्यूचुअल फंड कई प्रकार के होते हैं जो प्रमुख रूप से निम्न प्रकार से हैं

1. इंटरनेशनल म्यूचुअल फंड

ऐसे म्यूचुअल जो दूसरे देशों की कंपनियों में निवेश करते हैं उन्हें इंटरनेशनल म्यूचुअल फंड कहा जाता है यदि आपको लगता है कि फ्यूचर में एप्पल, फेसबुक, अमेज़न और टेस्ला जैसी विदेशी कंपनियों में ग्रोथ के काफी ज्यादा आसार हैं तो ऐसे इंटरनेशनल म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं जो इन कंपनियों में निवेश करते हैं

जैसे Aditya Birla Sun Life International Equity fund Plan A Direct-Growth एक इंटरनेशनल म्यूचुअल फंड है जो विदेशी कंपनियों में निवेश करता है

2. गोल्ड फंड

ऐसे म्यूचुअल फंड गोल्ड में निवेश करते हैं जैसे Axis Gold Direct Plan Growth एक गोल्ड म्यूचुअल फंड है

3. रियल एस्टेट फंड

ऐसे म्यूचुअल फंड रियल एस्टेट में पैसा निवेश करते हैं इन्हें Real estate investment trusts (REITs) कहा जाता है जैसे Kotak International REIT FOF Direct growth एक इंटरनेशनल रियल एस्टेट फंड है

म्यूचुअल फंड से संबंधित पूछे जाने वाले आम सवाल और जवाब

म्यूचुअल फंड क्या होता है ? क्या म्यूचुअल फंड सही होते हैं ? किस प्रकार के म्यूचुअल फंड में निवेश करना चाहिए और म्यूचुअल फंड में निवेश कैसे करे ? जैसे कई प्रकार के सवाल एक आम व्यक्ति के मन में होते हैं अतः यहां हम म्यूचुअल फंड के बारे में पूछे जाने कुछ महत्वपूर्ण संदेह और उनके जवाब विस्तार से बता रहें हैं

1) म्यूचुअल फंड क्या है ?

म्यूचुअल फंड AMC’s द्वारा संचालित होते हैं जिन्हें Asset management company कहा जाता है ऐसी कंपनियां फंड को मैनेज करने के लिए प्रोफेशनल फंड मैनजरों को हायर करके रखती हैं जिन्हें शेयर मार्केट, गवर्मेंट सिक्योरिटीज, बांड, डिबेंचर, गोल्ड और रियल एस्टेट जैसे क्षेत्रों में कई वर्षों का अनुभव होता है अतः यदि किसी आम व्यक्ति को इन क्षेत्रों में निवेश करने की जानकारी नहीं है तो वे म्यूचुअल फंड के माध्यम से इन क्षेत्रों में आसानी से निवेश कर सकते हैं

2) ज्यादातर सुनने में आता है कि शेयर मार्केट गिर जाए तो म्यूचुअल फंड में भारी नुकसान हो सकता है ये कितना सही है ?

अलग अलग म्यूचुअल फंड अपने प्रकार के हिसाब से अलग अलग जगहों पर पैसा निवेश करते हैं जो हमने इस आर्टिकल में विस्तार से बताया भी है इसलिए जो म्यूचुअल फंड शेयर मार्केट में निवेश करते हैं जैसे इक्विटी और हाइब्रिड फंड वे शेयर मार्केट को फॉलो करते हैं लेकिन डेब्ट फंड शेयर मार्केट में निवेश नहीं करते इसलिए उन पर शेयर मार्केट गिरने से कोई फर्क नहीं पड़ता है

3) म्यूचुअल फंड में निवेश करने के क्या फायदे हैं ? हम म्यूचुअल फंड में निवेश क्यों करें ?

इस पर हमने डिटेल से पहले से ही एक आर्टिकल लिखा हुआ है इसलिए यदि आप म्यूचुअल फंड में निवेश करने की सोच रहे हैं तो ये आर्टिकल जरूर पढ़ें

जानिए म्यूचुअल फंड में निवेश के 20 फायदे

4) डायरेक्ट और रेगुलर में कौन सा म्यूचुअल फंड अच्छा होता है ?

डायरेक्ट म्यूचुअल फंड में निवेशक सीधे एएमसी कंपनी से फंड खरीदते हैं इसलिए कुछ अतिरिक्त चार्ज नहीं लगता है लेकिन रेगुलर म्यूचुअल फंड निवेशक को बिचौलिये के रूप में बैंक या संस्था आदि रिकमंड करते हैं, जो कमीशन के रूप में 1% तक चार्ज लेते हैं इसलिए आपको अतिरिक्त फीस से बचने के लिए डायरेक्ट म्यूचुअल फंड लेने चाहिए

5) यदि मैं Axis bank का लार्ज कैप म्यूचुअल फंड सीधे बैंक से खरीदता हूं तो क्या वह डायरेक्ट म्यूचुअल फंड होगा ?

नहीं ऐसा जरूरी नहीं है, क्योंकि क्योंकि AMC Company जो फंड मैनेज करती है वह एक अलग चीज है और बैंक एक अलग चीज है और बैंक कमीशन लेने के लिए ज्यादातर रेगुलर फंड ही रिकमंड करते हैं

6) डायरेक्ट और रेगुलर म्यूचुअल फंड की पहचान कैसे करें ?

म्यूचुअल फंड खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखें कि उसके नाम में Direct लिखा हुआ होना चाहिए यदि उसके नाम में डायरेक्ट शब्द लिखा है तो ही वह डायरेक्ट म्यूचुअल फंड होता है अन्यथा नहीं जैसे Axis Mid Cap Direct Plan-Growth एक डायरेक्ट म्यूचुअल फंड है

7) म्यूचुअल फंड में निवेश कैसे करें ? कुछ अच्छे प्लेटफार्म बताए

आज के समय म्यूचुअल फंड में निवेश करना बहुत ही आसान हो गया है, इसके लिए आप Paytm, Groww और Etmoney के एप इंस्टॉल कर मोबाइल से भी म्यूचुअल फंड में निवेश शुरू कर सकते हैं

सारांश

अलग अलग म्यूचुअल फंड अपने प्रकार के हिसाब से इक्विटी, बांड, गवर्मेंट सिक्योरिटीज, डिबेंचर, गोल्ड और रियल एस्टेट जैसी कई जगहों पर जगहों पर पैसा निवेश करते हैं इसलिए प्रत्येक म्यूचुअल फंड में जोखिम और रिटर्न उसके प्रकार के हिसाब से अलग अलग होता है

इस पोस्ट में म्यूचुअल फंड के प्रकार Types of mutual funds in hindi? एसेट क्लास में निवेश के आधार पर म्यूचुअल फंड कितने प्रकार के होते हैं इक्विटी और डेब्ट म्यूचुअल फंड कितने प्रकार के होते हैं खरीदने बेचने के समय और मैच्यूरिटी के आधार पर म्यूचुअल फंड कितने प्रकार के होते हैं और किस प्रकार के म्यूचुअल फंड में कितना रिस्क होता है ये सब विस्तार से बताया है जिससे आप अपनी निवेश क्षमता, जोखिम और रिटर्न को ध्यान में रखकर म्यूचुअल फंड में अच्छे से निवेश कर सकते हैं

यदि आपको हमारा ये आर्टिकल म्यूचुअल फंड कितने प्रकार के होते हैं ? Types of mutual funds in hindi अच्छा लगा तो कृपया इसे अपने दोस्तों के साथ फेसबुक और व्हाट्सएप जैसे सोशल मीडिया पर शेयर जरूर करें ताकि वे भी म्यूचुअल फंड के प्रकार को ठीक से जान पाए

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