इस वर्ष सरसों का रिकॉर्ड उत्पादन हुआ है लेकिन फिर भी सरसों के तेल के भाव आसमान छू रहें हैं एक तरफ जहां अप्रैल 2020 में सरसों के तेल की कीमत 117 रुपये प्रति लीटर हुआ करती थी वहीं आज बाजार में उसकी कीमत 180 रुपये प्रति लीटर तक पहुँच गयी है और शुद्ध कच्ची घानी का सरसों का तेल तो 200 रुपये प्रति लीटर को पार कर गया है यानी पिछले एक वर्ष के मुकाबले सरसों के तेल की कीमत 50 फीसदी तक बढ़ गयी है
आखिर सरसों का तेल महंगा क्यों हो रहा है ? Why Mustard Oil Prices are rising in india और इसके कारण है जिससे इसके भाव लगातार बढ़ते ही जा रहें हैं तो चलिए इसके प्रमुख कारण आपको डिटेल से बताते हैं
सरसों का तेल महंगा क्यों हो रहा है ? Why Mustard Oil Prices are rising in india
भारत में सरसों के तेल के भाव बढ़ने के प्रमुख कारण इस प्रकार हैं ? top main reasons of musterd oil prices are rising in India
1. अंतराष्ट्रीय बाजार
अंतराष्ट्रीय बाजारों में ऑयल सीड से मिलने वाले खाद्य तेलों के दाम लगभग दोगुना हो गए हैं और आज पिछले 13 वर्षों के मुकाबले अंतराष्ट्रीय खाद्य तेल बाजार सबसे ऊंचे स्तर पर है जो तेल पहले $0.25 तक मिल जाता था आज वो $0.65 पहुँच गया है अतः इसका सीधा सीधा असर भारत के बाजार पर पड़ रहा है अगर यही तेजी जारी रहती है तो सरसों के भाव भी 8000 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुँच सकते हैं
2. मलेशिया से पाम ऑयल के आयात पर सख्ती
भारत अधिकतर पाम ऑयल मलेशिया से आयात करता है लेकिन जब से मलेशिया ने कश्मीर मुद्दे पर टिप्पणी की है तब से भारत ने मलेशिया से पाम ऑयल के आयात को फ्री लिस्ट से हटाकर रिस्ट्रिक्टेड लिस्ट में रख दिया है और अब मलेशिया से आयात लगभग ज़ीरो हो गया है जिसका सीधा असर भारत के तेल बाजारों पर भी हुआ है
अतः भारत में खाद्य तेलों के भाव बढ़ने का प्रमुख कारण कहीं ना कहीं मलेशिया से तेल आयात के प्रति सख्ती बरतने से भी हुआ है
3. सरकार की किसानों के प्रति हितैषी सोच
सरसों के तेल की कीमतों में बढ़ोतरी से सरसों के भाव में भी अच्छा खासा उछाल देखने को मिला है जहां कुछ वर्ष पहले सरसो के भाव 3000 से 3600 रुपए प्रति क्विंटल तक होते थे अब वह 6000 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है और यदि यही तेजी लगातार जारी रहती है तो कुछ वर्षों में सरसों के भाव 8,000 से 10,000 रुपए प्रति क्विंटल तक भी पहुँच सकते हैं जिसका सीधा सीधा फायदा किसान भाइयों को मिलेगा
अतः कुछ हद तक कह सकते हैं कि सरसो के तेल के भाव सरकार जान पूछकर भी बढ़ने दे रही है ताकि किसानों का सीधा फायदा मिल सकें
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4. कमोडिटी ट्रेडिंग में बढ़ोतरी
पिछले कुछ समय से चीन में खाद्य तेलों की मांग में काफी बढ़ोतरी हुयी है और इसके साथ ही शेयर मार्केट की तरह सिल्वर, गोल्ड, कॉपर, ऑयल, ब्रेंट ऑयल तथा और भी बहुत सारी खाद्य चीजों अंतराष्ट्रीय स्तर पर कॉमोडिटी ट्रेडिंग में बढ़ोतरी हुई है जिसका सीधा सीधा असर खाद्य तेलों की कीमतों पर भी हुआ है
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5. मिलावट में सख़्ती
भारत सरकार ने सितंबर 2020 में सरसों के तेल में मिलावट पर खास प्रतिबंध लगाये है अतः इस सख्ती से भी सरसों के तेल की कीमतों में काफी उछाल आया है और शुद्ध कच्ची घानी के सरसों का तेल तो 200 रुपये प्रति लीटर तक हो गया है
6. अन्य कारण
इस वर्ष भारत में 90 लाख टन सरसों का उत्पादन हुआ है जो पिछले वर्ष के मुकाबले 19.33 फीसदी ज्यादा है क्योंकि वर्ष 2019-20 75 लाख टन सरसों को उत्पादन हुआ था
सरकारी आंकड़ों के एक औसत भारतीय परिवार प्रति वर्ष 20 से 25 लीटर सरसों के तेल की खपत करता है और यह खपत प्रति वर्ष लगभग 2 से 3 फीसदी बढ़ती जाती है लेकिन इस वर्ष कोविड महामारी के कारण इसकी खपत में कमी आयी है
यानी पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष सरसों का उत्पादन भी ज्यादा हुआ है और डिमांड भी ज्यादा नहीं है लेकिन फिर भी सरसों के तेल के भाव लगातार बढ़ते जा रहें हैं तो इसके कुछ कृत्रिम कारण भी हो सकते हैं
इसके अलावा हर सात आठ वर्ष में खाद्य तेल की कीमतों में उछाल आता भी है ऐसा वर्ष 2007 में हुआ था जब इसके भाव काफी बढ़ गए थे
इस पोस्ट सरसों का तेल महंगा क्यों हो रहा है ? Why Mustard Oil Prices are rising in india में हमने विस्तार से बताया है आपकों ये जानकारी कैसी लगी और इसके बारे में आप क्या सोचते हैं कमेंट में जरूर बताएं

मेरा नाम मनदीप कुमार है
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